संजय बांगर और माइक हेसन ने दिए बेहतरीन कोच बनने के कुछ खास टिप्स
बांगर ने कहा,"हो सकता है कि जो खिलाड़ी उच्च स्तर पर खेले हैं वो इस बात को शायद न समझ पाएं कि एक औसत काबिलियत वाला खिलाड़ी किस स्थिति से गुजरता है।"
हाल ही भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने कहा था कि एक अच्छा बल्लेबाजी कोच बनने के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का अनुभव जरूरी नहीं है। अब इसी मुद्दे पर भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगर का कहना है कि खिलाड़ियों के लिए जरूरी है कि कोचिंग करते समय वे अपने अतीत को पीछे छोड़ दें।
बांगर ने स्टार स्पोटर्स के शो पर कहा,"हो सकता है कि जो खिलाड़ी उच्च स्तर पर खेले हैं वो इस बात को शायद न समझ पाएं कि एक औसत काबिलियत वाला खिलाड़ी किस स्थिति से गुजरता है।"
बांगर ने इसी के साथ कहा कि आप उस तरह से कोचिंग नहीं कर सकते जिस तरह से आप खेला करते थे। बांगर ने आगे कहा,"कोचिंग की पढ़ाई करते हुए हमें जो बात बताई गई थी वो यह थी कि आपको अपने अतीत को पीछे छोड़ना होता है। आप उस तरह से कोचिंग नहीं कर सकते जिस तरह से आप खेला करते थे।"
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इसी चर्चा को आगे बढ़ाते हुए न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कोच माइक हेसन ने कहा कि अगर किसी कोच को एक खिलाड़ी को अच्छा खिलाड़ी बनाना है तो सबसे पहले उसका भरोसा जीतना जरूरी है।
हेसन ने कहा, "एक बार जब खिलाड़ी आपको एक ऐसा कोच मान लेता है जो उसके काम आता है तो आपको सम्मान मिलता है। कुछ प्रशिक्षकों को इसमें समय लगता है।"
उन्होंने कहा, "जब आप खिलाड़ियों के लिए उपयोगी हो जाते हैं तो वह सोचते हैं कि यह शख्स मेरे लिए काफी मददगार होने वाला है जो मुझ में से एक खिलाड़ी के तौर पर सर्वश्रेष्ठ निकलवा सकता है।"
बता दें, गौतम गंभीर ने कहा था ,‘‘एक विशेष प्रारूप के लिये अलग से टी20 बल्लेबाजी कोच रख सकते हैं। यह सही नहीं है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेले या पर्याप्त क्रिकेट नहीं खेले व्यक्ति सफल टी20 बल्लेबाजी कोच नहीं बन सकते।’’
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उन्होंने कहा,‘‘टी20 प्रारूप में एक कोच का काम आपको सकारात्मक मानसिकता देना है ताकि आप स्वाभाविक खेल दिखा सको।’’
गौतम गंभीर का कहना है कि कोई भी बल्लेबाजी कोच आपको शॉट खेलना नहीं सिखाता। उन्होंने कहा,‘‘वह आपको यह नहीं सिखायेगा कि लैप शॉट कैसे खेलना है या रिवर्स लैप कैसे लगाना है। दुनिया का कोई कोच यह नहीं कर सकता।’’
गंभीर ने हालांकि यह कहा कि सफल खिलाड़ी होने से बेहतर चयनकर्ता बनने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा,‘‘सफल कोच बनने के लिये बहुत क्रिकेट खेला होना जरूरी नहीं है लेकिन चयनकर्ता बनने के लिये यह जरूरी है।’’