पाकिस्तान के दागी पूर्व कप्तान सलीम मलिक ने अब ‘न्याय’ पाने के लिये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है क्योंकि मैच फिक्सिंग के लिये उन पर लगाये गये आजीवन बैन को लाहौर की एक कोर्ट द्वारा हटाये जाने के बावजूद देश के क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें कोचिंग की अनुमति नहीं दी है।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने मलिक पर मैच फिक्सिंग के लिये साल 2000 में आजीवन बैन लगा दिया था लेकिन लाहौर की एक कोर्ट ने 2008 में उन पर लगा बैन हटा दिया था। मलिक ने कहा, ‘‘मैंने पीसीबी को लिखा कि वे जो भी मुझसे पूछना चाहते हैं उसके लिये वे मुझे प्रश्नावली भेजें। मैंने इसके साथ ही उन्हें सूचित किया था कि मैं वापसी से संबंधित भ्रष्टाचार निरोधक संहिता कार्यक्रम की सभी शर्तों को मानने के लिये भी तैयार हूं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन उन्होंने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है और इसलिए मैंने न्याय पाने के लिये आईसीसी के पास जाने का फैसला किया है। मुझे अदालत ने पाक साफ करार दिया है और ऐसा कोई कारण नहीं है जिससे आईसीसी या पीसीबी मुझे फिर से क्रिकेट गतिविधियों में शामिल होने से रोके। ’’
इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने भी मलिक के आजीवन बैन को खत्म कर उन्हें दूसरा मौका दिए जाने की बात कह चुके हैं।
आपको बता दें कि मलिक पाकिस्तान के लिए 103 टेस्ट और 283 वनडे मैच खेल चुके हैं। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 43.69 की औसत से अपनी टीम के लिए 5768 रन बना बनाए हैं जबकि वनडे में उन्होंने 32.88 की औसत से 7170 रन बनाए।
वहीं टेस्ट में मलिक ने 15 शतक के साथ पाकिस्तान के लिए 29 अर्द्धशतक भी लगाए हैं जबकि वनडे में उन्होंने 5 शतक और 47 अर्द्धशतक जमाए।
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