सचिन तेंदुलकर ने दी थी वर्ल्ड कप 2011 फाइनल में धोनी को युवराज से ऊपर बल्लेबाजी करने की सलाह
इस वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने नाबाद 91 रनों की पारी खेली थी और टीम इंडिया को वह मैच छक्के के साथ जिताया था।
28 साल बाद वर्ल्ड कप जीतने का सूखा खत्म कर टीम इंडिया ने 2011 में इतिहास रखा था। इस वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने नाबाद 91 रनों की पारी खेली थी और टीम इंडिया को वह मैच छक्के के साथ जिताया था। धोनी ने इस मुकाबले में फॉर्म में चल रहे युवराज सिंह से ऊपर आकर नंबर 5 पर बल्लेबाजी की थी। हर किसी को यह फैसला थोड़ा अटपटा लगा था, लेकिन टीम इंडिया मैच जीतने के बाद हर कोई इस फैसले की सराहना करने लगा।
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने अब बताया कि धोनी को युवराज से ऊपर नंबर 5 पर जाने की सलाह उन्होंने दी थी। सचिन ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि "उस समय गंभीर लाजवाब बल्लेबाजी कर रहे थे, उन्हें धोनी जैसे किसी खिलाड़ी की जरूरत थी जो विकोटों के बीच अच्छी दौड़ लगा सकें।"
सचिन उस समय ड्रेसिंग रूम में बैठे हुए थे और गंभीर-कोहली की जोड़ी अच्छा खेल रही थी। सचिन ने धोनी को नंबर 5 पर उतरने की सलाह सहवाग के हाथों भेजी। सचिन ने कहा "तू ओवर के बीच में सिर्फ ये बात बहार जाके धोनी को बोल और नेक्स्ट ओवर शुरू होने से पहले वापिस आजा। मैं यहाँ से नहीं हिलने वाला।"
तेंदुलकर ने पहले सहवाग को ड्रेसिंग रूम में उनके साथ बैठने के लिए कहा था और उन्होंने सहवाग को जब तक बाहर जाने के लिए मना कर दिया था जब तक विराट और गंभीर की जोड़ी टूट ना जाए। सचिन ने कहा "मैं आउट होने के बाद ड्रेसिंग रूम में वापस आया और जाकर अपनी सीट पर बैठ गया। क्वार्टर फ़ाइनल के दौरान, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ, हमारी (तेंदुलकर और सहवाग की) साझेदारी के बाद, मैं ड्रेसिंग रूम में लौट आया था और मैं फीजियो की टेबल पर लेट हो गया था। वीरू भी मेरे बगल में आकर खड़ा हो गया था।। हम स्थानांतरित नहीं हुए थे। इस बार भी (वानखेड़े में), संयोग से वहीं हुआ वीरू मेरे साथ था और मैंने उसे मेरे बगल में बैठने के लिए कहा और साथ ही कहा कि यहां से कहीं ना जाएं।
सचिन द्वारा मिले संदेशे की बात धोनी ने कोच गैरी कर्स्टन को बताई। इसके बाद सचिन, गैरी, सहवाग और धोनी ने साथ बैठकर बातचीत की। सचिन ने कहा "धोनी ने यह बात कोच गैरी को बताई और इसके बाद हम चारों ने बैठकर बाती की। गैरी ने भी इस सलाह पर अपनी सहमती जताई। धोनी भी नंबर 5 पर जाने को तैयार थे।"
सचिन की यह सलाह टीम इंडिया के काम आई और धोनी ने नाबाद 91 रनों की पारी खेलेकर टीम इंडिया को मैच जिताया।
सचिन ने अंत में कहा "गंभीर की पारी काफी शानदार थी। रनों का पीछा करते हुए उन्होंने एक प्लेटफॉर्म सेट किया जिस वजह से धोनी मैच समाप्त कर पाए। धोनी की पारी भी काफी लाजवाब थी।"