चेन्नई टेस्ट में सचिन की बल्लेबाजी देख हैरान थे वकार, बताया किस तरह मिली 12 रन से जीत
भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने भले ही क्रिकेट को अलविदा कह दिया हो लेकिन उनकी बल्लेबाजी की तारीफ में अभी भी कोई कमी नहीं आई है।
भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने भले ही क्रिकेट को अलविदा कह दिया हो लेकिन उनकी बल्लेबाजी की तारीफ में अभी भी कोई कमी नहीं आई है। यही वजह है कि देश ही नहीं बल्कि विदेशी खिलाड़ी उनकी तारीफ में कसीदे पढ़ते नहीं थकते हैं। ऐसे ही एक खिलाड़ी है पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज वकार यूनिस जिन्होंने 1999 चेन्नई टेस्ट को याद करते हुए सचिन की बल्लेबाजी को लेकर बड़ी बात कही है।
दरअसल, साल 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया चेन्नई टेस्ट दोनों देशों के बीच खेले गए शानदार टेस्ट मैचों मे से एक है। इस मैच को लेकर आज भी क्रिकेट जगत में खूब चर्चा होती है। इस मैच में भारत को जीत के लिए 271 रनों का टारगेट मिला था लेकिन पाकिस्तानी गेंदबाजों ने टीम इंडिया को 12 रन पहले ही रोक दिया था। इस तरह भारत ये मैच मामूली अंतर से हार गया।
इस मैच की दूसरी पारी में पाकिस्तानी गेंदबाज मुश्ताक अहमद ने 5 विकेट चटकाए थे। इस ऐतिहासिक टेस्ट को याद करते हुए वकार यूनिस ने द ग्रेटेस्ट रिवेलरी पोडकास्ट में कहा, "हमने एक नई गेंद ली और पहली बॉल पर नयन मोंगिया ने इसे हवा में मारा। मुझे लगता है कि वह जल्दबाजी में थे या मुझे नहीं पता कि उनके दिमाग में क्या चल रहा था।"
उन्होंने कहा, "भारत को लगा खेल खत्म हो गया था और उन्होंने उस मैच को जीत लिया। उन्हें थोड़ी संतुष्टि मिली, खासकर नयन मोंगिया को। एक बार जब वह आउट हुए, तब भी हम यही सोच रहे थे कि ऐसा होने वाला नहीं है। हम इस मैच को जीत नहीं रहे हैं। जब तक सचिन क्रीज पर हैं, तब तक यह नहीं होगा।"
मोंगिया ने दूसरी पारी में सचिन के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 136 रनों की साझेदारी की थी। मोंगिया के आउट होने के बाद सचिन पाकिस्तान और जीत के बीच खड़े थे। वकार ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि सचिन उस समय क्या सोच रहे थे। उनके पास अभी भी चार विकेट बाकी थे और उन्हें 16 रनों की जरूरत थी।"
उन्होंने कहा, "जिस तरह से वह बल्लेबाजी कर रहे थे, वह शानदार नजर आ रहे थे। फिर अगले ही ओवर में, मुझे लगता है, सचिन ने सकलेन मुश्ताक को, हवा में एक चौका मारा। उनके इस चौके के बाद हमने यह कहना शुरू कर दिया कि हम उन्हें 15-16 रन नहीं बनाने देंगे। जो आवश्यक भी था।"
पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा, "फिर सकलैन उन सभी पर हावी हो गए। मैच बचाना उनके लिए मुश्किल था। वे विकेट खो रहे थे। मुझे लगता है कि उन्होंने पांच या 6 ओवरों में सभी चार विकेट खो दिए। मैं कहना चाहूंगा कि मैंने जो सर्वश्रेष्ठ टेस्ट देखे, उनमें से एक यह है जिसे मैंने खेला और मैंने देखा।"
(With IANS inputs)