अनुभवी ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने कहा है कि करियर की शुरुआत में सचिन तेंदुलकर की सलाह से उन्हें खेल पर अधिक ध्यान केंद्रित करने में मदद मिली और यहीं से उन्होंने क्रिकेट जगत में महान ऑफ स्पिनर बनने के लिए उड़ान भरी।
हरभजन ने टीम के पूर्व साथी और सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा के यूट्यूब शो आकाशवाणी पर कहा, "मेरे शुरुआती दिनों के दौरान सचिन ने एक नेट सत्र के बाद मुझसे कहा कि खेल पर अपना ध्यान केंद्रित रखो। उस दिन से, मैंने वास्तव में अपने खेल पर अधिक ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया और मैंने जल्द ही मुझे भारत की ओर से खेलना का मौका मिल गया।"
हरभजन ने 1998 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था, लेकिन वास्तव में उनका खेल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की घरेलू सीरीज के दौरान निखर कर सामने आया। इस सीरीज में सौरव गांगुली की कप्तानी वाली टीम ने मजबूत ऑस्ट्रेलियाई को 2-1 से हराया, जिसमें यादगार ईडन गार्डन्स की दूसरी टेस्ट जीत शामिल थी। इस सीरीज में हरभजन ने कुल 32 विकेट अपने नाम किए। इस दौरान उन्होंने ईडन गार्डन में हैट्रिक भी हासिल की थी।
हरभजन ने कहा, "उस ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ जीतना विशेष था। हमने उस सीरीज से बहुत कुछ सीखा।" भज्जी ने कहा, "एक खिलाड़ी के तौर पर मैं ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 की सीरीज़ को शीर्ष स्थान पर रखूंगा क्योंकि इसने मुझे वह खिलाड़ी बनाया जो मैं आज हूं। मैं बचपन से ही विश्व कप जीतने का सपना देखता था और यह 2011 में जाकर सच हुआ। मैं इसे 2001 की सीरीज के बराबर रखूंगा।
उन्होंने कहा, "2007 में टी20 विश्व कप जीतना अविश्वसनीय था। जब हम भारत वापस आए, तो हमें बड़ी तादाद में समर्थन मिला। मैंने पहले कभी ऐसा कुछ नहीं देखा था। मैं इन तीन पलों की किसी से भी तुलना नहीं कर पाऊंगा क्योंकि सभी मेरे लिए बहुत खास हैं।"
39 वर्षीय दिग्गज ऑफ स्पिनर ने अब तक भारत के लिए 103 टेस्ट और 236 वनडे खेले हैं जिसमें उन्होंने क्रमशः 417 और 269 विकेट झटके हैं। इसके अलावा उन्होंने 28 T20I मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 25 विकेट लिए हैं।
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