युवाओं की मेहनत पर हक जमाने पहुंच गए रोहित शर्मा और आजिंक्य रहाणे!
लेकिन क्या यह सही है कि युवा खिलाड़ियों ने जो जी-तोड़ मेहनत की उसका सारा श्रेय यह नामी खिलाड़ी ले जाएं?
रोहित शर्मा और आजिंक्य रहाणे भारतीय टीम के दो ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने भारतीय टीम के लिए खूब रन बनाए हैं। यह दोनों खिलाड़ी अपनी परफॉर्मेंस के बूते टीम के मजबूत स्तंभ बने जिसकी बदौलत रोहित शर्मा को एकदिवसीय क्रिकेट में भारतीय टीम की उप-कप्तानी करने का मौका मिला तो वहीं रहाणे टेस्ट टीम की।
दोनों ही खिलाड़ी अपने अपने फॉर्मेट में काफी अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं। एक तरफ रोहित अपने परफॉर्मेंस के बूते टेस्ट टीम में जगह बनाने का प्रयास कर रहे हैं वहीं रहाणे भी वनडे टीम में शामिल होने की जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं।
रोहित ने हाल ही में एशिया कप में भारतीय टीम की कमान संभाली थी और पूरे एशिया कप में अपने बल्ले से भी खूब धमाल मचाया था। रोहित ने एशिया कप में खेले 5 मैचों में 63।4 की शानदार औसत से 317 रन बनाए थे, लेकिन उसके बाद अब उन्हें आराम करना पड़ा था क्योंकि भारतीय टीम को वेस्टइंडीज से पहले टेस्ट मैच खेलने थे।
ऐसा ही कुछ हाल आजिंक्य रहाणे का रहा, इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज खेलने के बाद उन्हें आराम करना पड़ा क्योंकि वो भारतीय वनडे टीम का हिस्सा नहीं थे। अब उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेली और एक बार फिर अब उन्हें लंबा आराम करना पड़ेगा, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया सीरीज अभी बहुत दूर है।
ऐसे में ये दोनों खिलाड़ी विजय हजारे ट्रॉफी खेलकर अपनी फॉर्म को जारी रखना चाहते हैं, लेकिन क्या यह सही है कि युवा खिलाड़ियों ने जो जी-तोड़ मेहनत की उसका सारा श्रेय यह नामी खिलाड़ी ले जाएं?
दरअसल, हाल ही में विजय हजारे के क्वाटर फाइनल में रोहित शर्मा खेले थे और अब वेस्टइंडीज सीरीज खत्म होने के बाद आजिंक्य रहाणे भी वापस विजय हजारे ट्रॉफी में खेलने जा रहे हैं। माना कि रहाणे ने विजय हजारे ट्रॉफी के शुरुआती तीन मैच खेले थे, लेकिन तब टीम ग्रुप मैच ही खेल रही थी।
लेकिन रोहित शर्मा का क्या? इंग्लैंड टूर पर उन्होंने अपना आखिरी मैच 17 जुलाई को खेला था और विजय हजारे ट्रॉफी की शुरुआत 19 सितंबर से हो गई थी, लेकिन रोहित विजय हजारे ट्रॉफी में मुंबई के साथ तब जुड़े जब टीम क्वाटर फाइनल में पहुंच गई थी। अब रहाणे और पृथ्वी शॉ भी विजय हजारे ट्रॉफी के सेमीफाइनल में टीम के साथ जुड़ने जा रहे हैं।
मुंबई के लिए इन तीन खिलाड़ियों का सेमीफाइनल जैसे मुख्य पड़ाव पर टीम के साथ जुड़ना फायदे का सौदा होगा, लेकिन क्या यह उन खिलड़ियों के साथ अन्याय नहीं होगा जिनके बूते मुंबई सेमीफाइनल तक पहुंची और अब उन्हें इन प्रमुख खिलाड़ियों की वजह से टीम से बाहर होना पड़ेगा? इसी के साथ यह सवाल भी खड़ा होता है कि क्या यह प्रमुख खिलाड़ी बीच में टीम के साथ जुड़कर युवा खिलाड़ियों के मनोबल पर असर डाल रहे हैं? अगर हां तो युवा खिलाड़ियों के आगमी करियर पर इसका काफी प्रभाव पड़ेगा।