ऋषभ पंत के बचाव में आए कोच, बोले- करियर की शुरुआत में धोनी भी मिस करते थे स्टंपिंग
ऋषभ पंत के बचपन के कोच तारक सिन्हा का मानना है कि पंत की तुलना धोनी जैसे अनुभवी खिलाड़ी से करना अनुचित है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे वनडे मैच में भारतीय टीम में एमएस धोनी की जगह ऋषभ पंत को विकेटकीपिंग का जिम्मा सौंपा गया था लेकिन पंत कुछ मौकों को भुना नहीं पाए और स्टंपिंग करने से चूक गए जिससे मैच भारत के हाथों से निकल गया। पंत की गलतियों को देख मैदान पर मौजूद दर्शक भी धोनी-धोनी चिल्लाने लगे। इस मैच के बाद पंत की काफी आलोचना हुई। हालांकि अब ऋषभ पंत के बचपन के कोच तारक सिन्हा का मानना है कि पंत की तुलना धोनी जैसे अनुभवी खिलाड़ी से करना अनुचित है। उन्होंने कहा, ”इस तरह की तुलना ज्यादा हो रही है क्योंकि धोनी (पंत) भी विकेटकीपर-बल्लेबाज हैं। लेकिन यह पंत के साथ गलत है क्योंकि इससे उस पर बेहद खास तरीके से प्रदर्शन करने के लिए अनुचित दबाव डालता है। धोनी की तरह ही जब पंत का दिमाग आजाद होता है उसमें ज्यादा दवाब नहीं होता तो वह सबसे अच्छा प्रदर्शन करता है।”
पंत के बचपन के कोच तारक सिन्हा ने आलोचको को मुंह तोड़ जबाव देते हुए कहा है कि जब धोनी शुरूआत में भारतीय टीम से जुड़े थे तो वह भी कैच ड्रॉप और स्टंपिग से चूक जाते थे। ऋषभ पंत ने पिछले दिनों भारतीय टेस्ट टीम के लिए विकेटकीपिंग में बेहद ही शानदार प्रदर्शन किया है। लेकिन वनडे में उन्हें अभी भी खुद को साबित करना है। रविवार को 20 वर्षीय इस विकेटकीपर ने दो बड़े स्टंपिंग मौके गवाए थे। पहले जब पीटर हैंड्स्कोम्ब 39वें ओवर में बल्लेबाजी कर रहे थे और उनके पास सीधे गेंद पकड़कर उनको आउट स्टंप करने का अच्छा मौका था। उसके कुछ ओवर बाद ही, वह मैच विजेता खिलाड़ी एश्टन टर्नर को युजवेंद्र चहल की गेंद पर दोबारा स्टंपिंग करने से चूंक गए। उसके बाद वह धोनी की तरह बिन देखे रन-आउट करने का प्रयास कर रहे थे और उसमें भी असफल होते हुए उन्होने ऑस्ट्रेलियाई टीम को एक अतिरिक्त रन दे दिया।
एश्टन टर्नर की स्टंपिंग चूकने से मैच भारत के हाथों से निकल गया और ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज में 2-2 की बराबरी कर ली। हालांकि पंत के कोच सिन्हा ने प्रशंसकों और विशेषज्ञों से पंत के साथ धैर्य दिखाने का आग्रह किया जो अभी भी अपने सीखने की अवस्था में हैं क्योंकि धोनी के साथ तुलना पंत जैसे युवा विकेटकीपर के लिए अत्यधिक दबाव जैसी स्थिति पैदा करने लगती है।
सिन्हा ने आगे कहा, "दुनिया के किस कीपर ने कैच या स्टंपिंग नहीं छोड़ी है? यहां तक कि धोनी अपने करियर की शुरुआत में कैच और स्टंप करने से भी चूक गए। अच्छी बात यह है कि चयनकर्ता उनके साथ बने रहे और एक सत्र के बाद उन्हें ड्रॉप नहीं किया। उन्होंने खेल के महानों में से एक बनने के लिए समय के साथ सुधार किया।”