सेंचुरियन टेस्ट के चौथे दिन का इंतजार पूरे हिंदुस्तान को बेसब्री से था क्योंकि भारतीय फैंस जीत के ख्वाब के साथ तीसरे दिन सोए होंगे लेकिन चौथे दिन का खेल देखने के बाद पांचवां दिन अब डरा रहा है।
दक्षिण अफ्रीका ने भारत को जीत के लिए 287 रनों का लक्ष्य दिया है। सेंचुरियन के विकेट को देखते हुए ये लक्ष्य बिल्कुल भी आसान नहीं है। खासकर मैदान पर कप्तान विराट कोहली के अटपटे फैसलों ने मुसीबत और ज्यादा बढ़ाई। कोहली का सबसे अजीब फैसला था दूसरे सेशन में शमी से गेंदबाजी ना करवाना। शमी ने पहले सेशन में शानदार गेंदबाजी करते हुए 3 विकेट झटके थे और उन्हें रिवर्स स्विंग भी मिल रही थी। जिसका वो बखूबी फायदा उठा रहे थे। बावजूद इसके 55वें ओवर के बाद कोहली ने शमी को सीधे 82वें ओवर में यानि 26 ओवर बाद गेंद थमाई। कप्तान के इस फैसले का आलोचक विरोध भी कर रहे हैं क्योंकि अगर शमी पहले आते तो हालात कुछ और भी हो सकते थे।
इसके अलावा जब डीन एल्गर बल्लेबाजी कर रहे थे तब उन्हें जल्दी आउट करवाने के लिए भी कोहली आर अश्विनका इस्तेमाल नहीं किया। दरअसल विकेट पर कुछ रफ पैच भी बने हुए हैं जिनसे अश्विन को गेंद टर्न करवाने में मदद मिल रही थी। इतना ही नहीं लेफ्ट हैंडर्स के खिलाफ अश्विन का रिकॉर्ड भी बेहतरीन है पहली पारी में भी डीन एल्गर और क्वांटन डी कॉक जैसे लेफ्ट हैंडर बल्लेबाजों को अश्विन ने ही पवेलियन की राह दिखाई थी। ऐसे में जब एल्गर विकेट पर डटे हुए थे तो कोहली को उनके खिलाफ अश्विन का इस्तेमाल करना चाहिए था।
वहीं, टीम सलेक्शन को लेकर विराट कोहली पहले से ही सवालों के घेरे में हैं और अब बतौर कप्तान मैदान के अंदर भी उनके फैसलों पर सवाल उठाए जा रहे हैं। जाहिर अगर टीम इंडिया ये मैच हारती है तो शतक बनाकर भी विराट को ही उनके फैसलों की वजह से इस हार का सबसे बड़ा जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
Latest Cricket News