आर. अश्विन ने किया खुलासा, वर्ल्ड क्रिकेट में इस तरह 'कैरम बॉल' पर हासिल की महारथ
कैरम बॉल के लिए वर्ल्ड क्रिकेट में मशहूर अश्विन ने अब खुलासा करते हुए बताया कि उन्होंने इसमें सफलता कैसे हासिल की।
टीम इंडिया के स्टार ऑफ स्पिन गेंदबाज रविचन्द्र अश्विन ने अपनी स्पिन गेंदबाजी से लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट के साथ टेस्ट क्रिकेट में भी धमाल मचाया। हलांकि टीम इंडिया के लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट में जबसे कलाई के स्पिन गेंदबाजों कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की 'कुलचा' जोड़ी ने कदम रखा तबसे अश्विन टीम इंडिया की टेस्ट टीम का अहम हिस्सा बने हुए हैं। ऐसे में वो भले ही कलाई के इस्तेमाल कि जगह अपनी उँगलियों के इस्तेमाल से स्पिन गेंदबाजी करते हो लेकिन इनके पास क्रिकेट की इस कठिन कला के तमाम वैरियेशन मौजूद हैं। जिससे वो बल्लेबाजों को चकमा देते रहते हैं। इस तरह के वेरिएशन कैरम बॉल के लिए वर्ल्ड क्रिकेट में मशहूर अश्विन ने अब खुलासा करते हुए बताया कि उन्होंने इसमें सफलता कैसे हासिल की।
कैरम बॉल के बारे में अश्विन ने दिल्ली कैपिटल्स के साथ इंस्टाग्राम पर बातचीत में कहा, 'उन्हें अपने अस्त्रों में इस गेंद को जोड़ने में चार साल का समय लगा। यह इन वैरीएशन के साथ लगातार काम करने और इससे निराश होने से जुड़ा है। कल्पना कीजिए कि आप अपनी बीच की उंगली से कैरम खेल रहे हों और उतने वजन की क्रिकेट गेंद को धक्का देने की कोशिश कर रहे हैं जिसे कम नहीं किया जा सकता है। आप इसे पूरे जोर से धकेलकर स्पिन हासिल करने की कोशिश करते हो। ’’
अब तक 71 टेस्ट मैचों में 365 विकेट लेने वाले अश्विन ने कहा, ‘‘यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। आपकी उंगली, आपके शरीर को उसे समझना होता है। मैंने जब इस कैरम बॉल का अभ्यास किया तो मैं हर दिन इसे बेहतर करने की उम्मीद करता था लेकिन प्रत्येक दिन कई सौ गेंदें करने के बाद मैं निराशा के साथ घर लौटता था कि मैंने जो लक्ष्य तय किया था उसे हासिल नहीं कर पाया। ’’
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अश्विन ने कहा, ‘‘उस दौर में बहुत खीझ होती है क्योंकि आप अभ्यास करते हो और आपके उसको लेकर सपने होते हैं लेकिन यह इतना जल्दी हासिल नहीं होता जितनी आप उम्मीद करते हो। ’’
इसके बाद उन्होंने रिवर्स कैरम बॉल पर हाथ आजमाया। अश्विन ने कहा, ‘‘मैंने रिवर्स कैरम बॉल करने का अभ्यास किया और अब मैं जब चाहूं तब ऐसी गेंद फेंक सकता हूं। मैं गुगली का अभ्यास कर रहा हूं। ये सभी चीजें मेरे संयम की परीक्षा लेते हैं। लेकिन मेरा मानना है जब आपके धैर्य की परीक्षा होती है तब आपको अधिक कड़ी मेहनत करने की जरूरत होती है। तब आपको अतिरिक्त कौशल और अतिरिक्त आत्मविश्वास की जरूरत पड़ती है। ’’
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