बेंगलुरू। पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने रविचंद्रन अश्विन की विश्व कप से पहले एकदिवसीय टीम में वापसी की वकालत करते हुए मंगलवार को कहा कि उनके जैसा उंगलियों का स्पिनर इंग्लैंड की परिस्थितियों में कलाई के स्पिनरों की तुलना में अधिक प्रभावी साबित होगा। अश्विन ने भारत की तरफ से अंतिम वनडे जुलाई 2017 में खेला था। इसके बाद कलाई के स्पिनर युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव सीमित ओवरों के प्रारूप में भारत के मुख्य स्पिनर बन गये। इस बीच रविंद्र जडेजा छोटे प्रारूप में वापसी करने में सफल रहे लेकिन अश्विन अब भी टीम से बाहर हैं।
गंभीर ने यहां एक कार्यक्रम से इतर कहा,‘‘कलाई के दोनों स्पिनर (कुलदीप और चहल) ने पिछले एक साल में अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन मेरा अब भी मानना है कि अश्विन ऐसा गेंदबाज है जिसके नाम पर हमें विचार करना चाहिए। मेरा मानना है कि एक योग्य स्पिनर हमेशा उच्च श्रेणी का होता भले ही वह कलाई का स्पिनर हो या उंगलियों का।’’
गंभीर ने आस्ट्रेलिया के नाथन लियोन का उदाहरण दिया जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद हाल में वनडे टीम में वापसी की।
उन्होंने कहा, ‘‘वह संभवत: दुनिया का अभी सर्वश्रेष्ठ स्पिनर है और वह उंगलियों का स्पिनर है। मुझे लगता है कि हमें अंतर पैदा नहीं करना चाहिए कि टीम में कलाई का स्पिनर है और इसलिए उंगलियों के स्पिनर के लिये कोई जगह नहीं है।’’
गंभीर ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि आर अश्विन ऐसा खिलाड़ी है जिसके नाम पर विचार किया जाना चाहिए क्योंकि हमें साल के उस समय में इंग्लैंड की परिस्थितियों को भी ध्यान में रखना होगा। विकेट सपाट हो सकता है और ऐसे में उंगलियों का स्पिनर प्रभावी साबित हो सकता है।’’
शिखर धवन के वनडे में नहीं चल पाने के बारे में पूछे जाने पर गंभीर ने कहा कि बायें हाथ का यह बल्लेबाज जब टेस्ट श्रृंखला का हिस्सा नहीं था तो तब उन्हें प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेलना चाहिए था।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे थोड़ी निराशा हुई क्योंकि कुछ खिलाड़ियों को प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेलना चाहिए था। टेस्ट क्रिकेट टीम का हिस्सा नहीं होने पर उन्हें खुद को प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने के लिये प्रेरित करना चाहिए था।’’
गंभीर ने कहा, ‘‘जिन्हें भी केवल वनडे टीम के लिये चुना गया है, उन्हें विश्व कप को ध्यान में रखकर लिया गया है। मेरा मानना है कि महेंद्र सिंह धोनी, शिखर धवन और अंबाती रायुडु जैसे इन खिलाड़ियों को प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेलना चाहिए था।’’
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