टेस्ट क्रिकेट के महत्व को रेखांकित करते हुए भारत के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने शनिवार को कहा कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) सभी विश्व कपों का बड़ा बाप है। शास्त्री ने भले ही 1983 का विश्व कप खेला हो और कई मार्की टूर्नामेंटों पर अपनी राय दी हो, लेकिन वह डब्ल्यूटीसी को सभी टूर्नामेंट से ऊपर रखते हैं।
रवि शास्त्री ने साउथेम्प्टन में भारत और न्यूजीलैंड के बीच विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल से पहले कहा, "यह सभी विश्व कपों का बड़ा बाप है। मैंने 1983 का विश्व कप खेला है, उनमें से कुछ पर टिप्पणी की है लेकिन यह उन सभी में सबसे बड़ा है। यह सबसे कठिन प्रारूप है, सबसे बड़ा प्रारूप है।"
शास्त्री ने यह भी कहा कि बारिश के कारण पहला दिन खराब होने के बाद भारतीय टीम ने अपनी प्लेइंग इलेवन को बदलने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। उन्होंने कहा, "जब तक कि आज का दिन बारिश में नहीं धुल जाता और मैच को 2-3 दिन का कर दिया जाता, ऐसे में हमारे पास जिस तरह का आक्रमण है, हम पिच को समीकरण से बाहर कर देते हैं। ऐसे दिन में तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है, लेकिन जब सूरज निकलता है तो स्पिनर मैच में आ जाते हैं।"
उन्होंने कहा, "जडेजा और अश्विन उस विविधता को जोड़ते हैं और वे मिलकर अच्छी गेंदबाजी करते हैं। उनके पास लगभग 600-700 विकेट हैं और वे वास्तव में एक दूसरे के पूरक हैं।"
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