मिस्टर कूल की छवि पर नही आयी कभी कोई आंच:
मैदान के बाहर और अंदर अपने काम की गंभीरता के कारण वे युवा खिलाड़ियों के लिए आदर्श थे। उन्होंने जिस तरह अपने आप को बनाए रखा और क्रिकेट में लगाए रखा। वो काबिले तारीफ हैं। अपनी गंभीरता और छवि से द्रविड़ हमेशा ही जाने जाते हैं। द्रविड़ को मैदान में कभी गुस्सा करते हुए नही देखा गया। खेल चाहे जैसा हो हमेशा अपने कूल अंदाज में सारे खेल को इन्होने खेला है द्रविड़ कभी किसी दबाव में मैच नही खेलते थे। इसलिए सब इन्हें मिस्टर कूल कहकर बुलाने लगे।
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