गेंदबाजों को मांकडिंग से रोकने के लिए आर अश्विन ने आईसीसी को दे डाली ये बड़ी सलाह
आईसीसी के नए नियम अनुसार तकनीक के जरिए फ्रंट फुट नॉ बॉल पर नजर रखी जाएगी, तो ऐसे में अश्विन का कहना है कि नॉन स्ट्राइक पर खड़े बल्लेबाज पर भी इस तकनीक के जरिए नजर रखी जा सकती है।
क्रिकेट के मैदान पर बल्लेबाज किसी भी चीज का फायदा उठाने से पीछे नहीं हटते हैं। अकसर देखा गया है कि नॉन स्ट्राइकर पर खड़ा बल्लेबाज फायदा उठाने के लिए गेंद डलने से पहले ही अपनी क्रीज छोड़ देता है। ऐसे में गेंदबाजों को काफी दिक्कत होती है। आईपीएल 2019 में जब भारतीय स्पिनर आर अश्विन के साथ ऐसा हुआ था तो उन्होंने नॉन स्ट्राइकर पर खड़े बटलर को आउट कर दिया था जिसके बाद काफी बवाल हुआ था। आईसीसी के नियम अनुसार तो यह सही था, लेकिन अश्विन के इस रन आउट पर लोग अभी भी सवाल करते हैं।
इस चीज को अब खत्म करने के लिए अश्विन ने आईसीसी को बड़ी सलाह दी है। आईसीसी के नए नियम अनुसार तकनीक के जरिए फ्रंट फुट नॉ बॉल पर नजर रखी जाएगी, तो ऐसे में अश्विन का कहना है कि नॉन स्ट्राइक पर खड़े बल्लेबाज पर भी इस तकनीक के जरिए नजर रखी जा सकती है। अगर बल्लेबाज गेंद डलने से पहले ही क्रीज से बाहर पाया जाता है तो वह रन रद्द कर देना चाहिए।
अश्विन ने ट्वीट करते हुए लिखा 'उम्मीद करता हूं कि तकनीक का इस्तेमाल यह देखने के लिए किया जाए कि क्या गेंदबाजी छोर पर बल्लेबाज गेंदबाज के गेंद फेंकने से पहले क्रीज से बाहर निकल रहा है और वह जब भी ऐसा करे रन को अस्वीकृत किया जाए।'
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अश्विन ने इसके बाद बताया कि नॉन स्ट्राइकर छोर पर बल्लेबाज के गेंदबाज द्वारा गेंद छोड़ने से पहले क्रिज छोड़ने का गेंदबाज को क्या नुकसान है। उन्होंने कहा कि बल्लेबाज ऐसा या तो जल्दी स्ट्राइक बदलने या फिर एक रन को दो में तब्दील करने के लिए करते हैं।
अश्विन ने ट्वीट किया, "आप में कई लोग इसमें असमानता को नहीं देख पाते हैं। इसलिए मैं अपनी काबिलियत से आपको इसके बारे में बता देता हूं। अगर नॉन स्ट्राइकर दो फीट आगे है और इसी कारण वह दो रन लेने में सफल रहता है तो वह सामने वाले बल्लेबाज को दोबारा स्ट्राइक पर ले आएगा।"
उन्होंने कहा, "उसी बल्लेबाज के दोबारा सामने आने पर अगली गेंद पर वह मुझे चौका या छक्का मार सकता है और इससे मुझे एक रन की जगह कुल सात रनों का नुकसान हुआ, और हो सकता कि अगर स्ट्राइक पर कोई अलग बल्लेबाज होता तो गेंद खाली भी हो जाती। यही बात टेस्ट मैच में है, जहां बल्लेबाज स्ट्राइक से हटना चाहता हो तो वो ऐसा कर सकता है।"
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अश्विन ने कहा कि इससे बल्ले और गेंद के बीच समानता बनाई जा सकती है।
उन्होंने कहा, "यह गेंदबाजों के लिए मुश्किल माहौल में संतुलन लाने का समय है। हम इसके लिए उसी तकनीक का उपयोग कर सकते हैं जो हम टी-20 में नो बॉल के लिए करते हैं।"
बता दें, पिछले कुछ समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में फ्रंट फुट नॉ बॉल पर विवाद चल रहा है जिसके बाद आईसीसी ने तकनीक के जरिए इस पर नजर रखने का फैसला किया है। हाल ही में आईसीसी ने विश्व कप सुपर लीग का ऐलान किया है। इस लीग में इस तकनीक का इस्तेमाल होगा।
(With IANS Inputs)