8 महीने के डोपिंग बैन के बाद क्रिकेट के मैदान पर पृथ्वी शॉ की वापसी एकदम दमदार रही। पहले सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उन्होंने अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाया और अब वह रणजी ट्रॉफी में धमाल मचा रहे हैं। रणजी ट्रॉफी में शॉ मुंबई की टीम से खेल रहे हैं और उन्होंने बडोदा के खिलाफ जारी अपने पहले ही मैच में दोहरा शतक ठोक दिया है। शॉ के रणजी करियर का यह पहला दौहरा शतक है।
शॉ ने यह दोहरा शतक मात्र 174 गेंदों में पूरा किया और रणजी ट्रॉफी के इतिहास में सबसे तेज दोहरा शतक लगाने वाले वो तीसरे बल्लेबाज बन गए हैं। रणजी ट्रॉफी में सबसे तेज शतक लगाने की इस सूची में भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा कोच रवि शास्त्री टॉप पर है। शास्त्री के नाम रणजी ट्रॉफी में सबसे तेज दौहरा शतक 123 गेंदों पर दर्ज है। इसके बाद राजेश बोरा का नाम है जिन्होंने 156 गेंदों पर ये कारनामा किया थाै।
उल्लेखनीय है, इस मैच में मुंबई ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 431 रन बनाए थे जिसके जवाब में बड़ौदा की टीम अपनी पहली इनिंग में 307 रन पर ही ढेर हो गई थी। 124 रन की लीड के साथ बल्लेबाजी करने उतरी मुंबई की टीम ने शॉ के दोहरे शतक और कप्तान सूर्यकुमार यादव (70 गेंदों पर 102 रन) की आतिशी पारी के दम पर 4 विकेट के नुकसान पर 409 रन बनाए और पारी घोषित कर दी। मुंबई ने इस स्कोर तक पहुंचने के लिए मात्र 66.2 ओवर ही लिए। इस तरह मुंबई ने बड़ौदा के सामने 534 रन का लक
इस लक्ष्य का पीछा करने उतरी बड़ौदा की टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक बड़ौदा के 74 रन पर तीन विकेट गवा दिए। बडौदा को अभी भी जीत के लिए 460 रन की जरूरत है और उनके हाथ में 7 विकेट शेष है।
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