बैन के बाद पृथ्वी शॉ की शानदार वापसी, न्यूजीलैंड दौरे पर हो सकती है टीम इंडिया में एंट्री
इंडिया 'ए' को न्यूजीलैंड दौरे पर दो, चार-दिवसीय मैच खेलने है। जिसके लिए शॉ पहले जबकि उनके बाद चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और मयंक अग्रवाल भी न्यूजीलैंड के लिए रवाना हो जाएंगे।
टेस्ट क्रिकेट के डेब्यू मैच में शतक के साथ आगाज करने वाले युवा ओपनर बल्लेबाज पृथ्वी शॉ एक बार फिर जल्द ही टीम इंडिया में खेलते दिखाई दे सकते हैं। उन्हें ना सिर्फ जनवरी माह में इंडिया 'ए' की तरफ से न्यूजीलैंड जाने वाली टीम में शामिल किया गया है बल्कि टीम इंडिया में तीसरे बैकअप ओपनर बल्लेबाज के तौर पर भी शामिल किया जा सकता है। जिसके चलते पृथ्वी शॉ न्यूजीलैंड दौरे पर एक बार फिर टीम इंडिया में अपना स्थान पक्का करना चाहेंगे।
इंडिया 'ए' को न्यूजीलैंड दौरे पर दो, चार-दिवसीय मैच खेलने है। जिसके लिए शॉ पहले जबकि उनके बाद चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और मयंक अग्रवाल भी इंडिया ए के लिए खेलने टेस्ट मैचों की सीरीज से पहले ही न्यूजीलैंड की परिस्थितियों से तालमेल बैठाने के लिए रवाना हो जाएंगे। हालांकि पुजारा, रहाणे और मयंक इंडिया 'ए' के दूसरे चार दिवसीय मैच के लिए उपलब्ध होंगे। चयन समिति चाहती है कि टेस्ट शुरू होने से पहले ये तीनों नियमित रूप से कम से कम दो अभ्यास मैच खेलें। जिसमें इंडिया ’A’ के मैच के अलावा, भारतीय टीम एक टूर गेम भी खेलेगी।
इस बात की जानकारी बीसीसीआई के एक सूत्र ने देते हुए कहा, "चयन समिति का विचार है कि यह बेहतर है कि टेस्ट विशेषज्ञ बल्लेबाज पहले ही परिस्थितियों से तालमेल बिठाने के लिए वहाँ पहुँच जाए। यह उन्हें पर्याप्त अभ्यास प्राप्त करने में मदद करेगा।" जनवरी के पहले सप्ताह में इंडिया 'ए' के खिलाड़ी न्यूजीलैंड के लिए उड़ान भरेंगे।
वहीं शॉ की बात करें तो बीसीसीआई द्वारा डोप टेस्ट में नाकाम रहने के कारण 8 महीने के बैन के बाद उन्होंने घरेलू क्रिकेट में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी से शानदार वापसी की है। जिसके पहले मैच में उन्होंने 39 गेंदों में 63 रनों की धाकड़ पारी खेल अपनी वापसी का अलार्म बजा दिया था।
ऐसे में हाल ही में रणजी ट्रॉफी के पहले दिन एक बार फिर अर्धशतकीय पारी खेलने वाले शॉ ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "मैं सिर्फ रन बनाता रहूंगा। यह सभी चयनकर्ताओं के बारे में है और वे क्या सोचते हैं। मेरा काम टीम के लिए रन बनाना और गेम जीतना है।"
8 महीनों के बैन के बाद अपनी वापसी के बारे में बात करते ही शॉ ने कहा, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ होगा। मैं शुरू में थोडा सा परेशान था। प्रतिबंध लगने के बाद के पहले 20-25 दिनों तक, मैं समझ नहीं पा रहा था कि यह कैसे हुआ। समय बीतता गया। मैं खुद को शांत रखने के लिए लंदन गया क्योंकि मुझे 15 सितंबर तक अभ्यास करने की अनुमति नहीं थी। इसके बाद मैंने खुद को स्थिर किया और खुद को मानसिक रूप से मजबूत बताते हुए कहा कि ये तीन महीने बीत जाएंगे। लेकिन प्रत्येक दिन कठिन था।"
इतना ही नहीं शॉ ने अपनी कप्तानी में इंडिया अंडर 19 विश्वकप भी जीता था। जिस टीम के कोच दिग्गज राहुल द्रविड़ थे। वर्तमान में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के हेड राहुल द्रविड़ से वापसी के बारे में मिलने वाली सलाह के बारे में शॉ ने कहा, "लंदन से लौटने के बाद, राहुल (द्रविड़) सर ने मुझे प्रशिक्षण के लिए एनसीए में बुलाया। वहाँ मैं यो-यो जैसे फिटनेस परीक्षणों की एक श्रृंखला से गुज़रा। राहुल सर के तहत फिटनेस पर बहुत ध्यान दिया जाता था। मुझे अपने सभी फिटनेस टेस्ट क्लियर करने थे। इससे भी मदद मिली कि नेट्स के दौरान कुलदीप यादव, भुवी (भुवनेश्वर कुमार) और वरुण आरोन जैसे अच्छे गेंदबाज उपलब्ध थे। इसके अलावा, राहुल सर हमेशा मार्गदर्शन और मानसिक तौर पर मजबूत करते थे।”