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Hindi News खेल क्रिकेट जब सचिन तेंदुलकर के बारे में यह बात कहकर पीयूष चावला ने चयनकर्ता को दिया था मुंहतोड़ जवाब

जब सचिन तेंदुलकर के बारे में यह बात कहकर पीयूष चावला ने चयनकर्ता को दिया था मुंहतोड़ जवाब

पीयूष चावला ने कहा “मुझे याद है एक बार मैंने एक चयनकर्ता से बात की थी। उस चयनकर्ता ने मुझे कहा था कि मैं सबसे ज्यादा विकेट गुगली से लेता हूं।"

Piyush Chawla Selectors criticised Sachin Tendulkar Straight Drive Century- India TV Hindi Image Source : GETTY IMAGES Piyush Chawla Selectors criticised Sachin Tendulkar Straight Drive Century

2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का हिस्सा रहे पीयूष चावला ने हाल ही में बताया कि उन्होंने एक बार सचिन तेंदुलकर की स्ट्रेट ड्राइव का उदहारण देते हुए एक चयनकर्ता को मुंहतोड़ जवाब दिया था। चवला ने बताया कि एक बार एक चयनकर्ता ने उनकी आलोचना करते हुए कहा था कि तुम हमेशा विकेट गुगली से ही लेते हो। तब पीयूष चावला ने सचिन की स्ट्रेट ड्राइव का उदहारण देते हुए चयनकर्ता को लताड़ लगाई थी।

पीयूष चावला ने पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा के यूट्यूब चैनल पर कहा “मुझे याद है एक बार मैंने एक चयनकर्ता से बात की थी। उस चयनकर्ता ने मुझे कहा था कि मैं सबसे ज्यादा विकेट गुगली से लेता हूं।"

चावला ने आगे कहा "मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो चीजों को अपने दिल में नहीं रखता है, और मैं जल्दी वापस जवाब देता हूं। मेरी यह चीज बहुत लोगों को पसंद नहीं है। मैंने उनसे पूछा कि 'अगर सचिन पाजी अपनी स्ट्रेट ड्राइव से 100 में से 60 रन बनाते हैं, तो क्या उस शतक का मूल्य नहीं है'? मुझे लगता है कि उन्हें मेरे वो शब्द पसंद नहीं आए। लेकिन दिन के अंत में एक विकेट विकेट ही होता है।"

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चावला ने इस दौरान अपने टेस्ट टीम से भी ड्रॉप करने की बात कही। चावला ने भारत के लिए कुल 3 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 7 ही विकेट लिए हैं। यह तीनों टेस्ट उन्होंने लंबे अंतराल में खेले। 2006 में डेब्यू टेस्ट खेलने के बाद चावला को दूसरा टेस्ट 2008 में और तीसरा टेस्ट 2012 में खेलने को मिला।

चावला ने कहा "सच कहूं तो पहले दो टेस्ट जो मैंने खेले उसमें मैंने अच्छा परफॉर्म नहीं किया था। मुझे पता है कि मैंने अच्छा नहीं किया था इसलिए मुझे कोई पछतावा नहीं है। तीसरे टेस्ट में मैंने अच्छा किया, लेकिन फिर भी मुझे टीम से बाहर किया गया। तब मुझे बुरा लगा था क्योंकि उस समय मुझे बाहर करने की वजह नहीं बताई गई थी। लेकिन आप केवल अपनी प्रक्रिया पर काम कर सकते हैं, मुझे निराशा हुई। लेकिन मैंने इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचा, नहीं तो मैं अपने खेल का लुत्फ नहीं उठा पाता"

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