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Hindi News खेल क्रिकेट महेंद्र सिंह धोनी और सौरव गांगुली में कौन था टीम इंडिया का बेहतर कप्तान, शोएब अख्तर ने दिया जवाब

महेंद्र सिंह धोनी और सौरव गांगुली में कौन था टीम इंडिया का बेहतर कप्तान, शोएब अख्तर ने दिया जवाब

धोनी की बात करें तो उन्होंने भारत को साल 2007 में टी20 वर्ल्ड कप, 2011 में वनडे वर्ल्ड कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब दिलाया था।

Sourav Ganguly and MS Dhoni- India TV Hindi Image Source : GETTY Sourav Ganguly and MS Dhoni

वर्ल्ड क्रिकेट में अक्सर एक सवाल चर्चा का विषय बना रहता है कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और सौरव गांगुली इनमे से सबसे बेहतरीन कप्तान कौन है। गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया ने विदेशी धरती पर भी लगातार मैच जीतने में सफलता हासिल की। गांगुली ने 2003 वनडे विश्व कप में भारत को फाइनल तक पहुंचाया और 2002 में चैंपियंस ट्रॉफी में उनकी ही कप्तानी में भारत संयुक्त विजेता बना था। वहीं धोनी की बात करें तो उन्होंने भारत को साल 2007 में टी20 वर्ल्ड कप, 2011 में वनडे वर्ल्ड कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब दिलाया था।

इस तरह गांगुली और धोनी की उपलब्धियों को देखते हुए पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज शोेएब अख्तर ने बताया कि भारतीय क्रिकेटर्स में गांगुली उनसे सबसे फेवरेट खिलाड़ी हैं। उनसे बेहतर कप्तान टीम इंडिया में कोई नहीं था।

शोएब अख्तर ने कहा, “भारतीय क्रिकेट टीम के मेरे सबसे पसंदीदा कप्तान सौरव गांगुली हैं। हालांकि एम एस धौनी भी अच्छे कप्तान थे। उन्होंने कहा कि 90 के दशक में जब भारतीय टीम पाकिस्तान के खिलाफ खेलती थी तब मैंने कभी उन्हें विनर टीम के तौर पर नहीं देखा, लेकिन जब सौरव गांगुली टीम के कप्तान बने उसके बाद टीम इंडिया में जरबदस्त बदलाव देखने को मिले और उनके पास ऐसे टैलेंट थे जो पाकिस्तान को हरा सकते थे और उन्होंने हमें हराया भी। उन्होंने भारतीय टीम में कमाल का बदलाव लाया।“

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वहीं अंत में सौरव गांगुली की बल्लेबाजी के बारे में शोेेएब ने कहा, "वो काफी बहादुर बल्लेबाज थे। अगर उन्हें कई बार गेंद से चोट लग भी जाए तब भी उनमें गेंद को फेस करने की हिम्मत थी। कई लोगों को ऐसा लगता था कि गांगुली डरपोक थे और मेरी गेंदों को फेस करने से डरते थे, लेकिन मेरे हिसाब से मैंने अपने करियर में जितने भी बल्लेबाजों को गेंदबाजी की वो उन सबमें सबसे बहादुर थे। उनके पास ज्यादा शॉट्स नहीं थे और मैंने कई बार उनकी छाती पर हिट करने की कोशिश की थी। इसके बावजूद वो ओपनर के तौर पर बल्लेबाजी करने आते थे और एक बहादुर इंसान की तरह मुझे फेस करते थे और रन बनाते थे। वो टीम इंडिया के एक बहादुर कप्तान थे।"

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