पाकिस्तान में ख़त्म होगा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का सूखा, सितंबर में करेगा विश्व एकादश की मेज़बानी
नौ साल तक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच की मेजबानी से महरूम रहने के बाद पाकिस्तान अगले महीने अपनी धरती पर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का सूखा खत्म करने के लिए तैयार है।
लाहौर: नौ साल तक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच की मेजबानी से महरूम रहने के बाद पाकिस्तान अगले महीने अपनी धरती पर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का सूखा खत्म करने के लिए तैयार है। सिंतबर में पाकिस्तान विश्व एकादश की मेजबानी करेगा। वेबसाइट क्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने पंजाब प्रांत की सरकार द्वारा विश्व एकादश के साथ टी-20 सीरीज को मंजूरी देने की पुष्टि कर दी है।
इसके अलावा श्रीलंका के संयुक्त अरब अमीरात दौरे के दौरान एक टी-20 मैच लाहौर में खेला जा सकता है। इसके बाद नवंबर में वेस्टइंडीज भी पाकिस्तान दौरे पर आ सकती है।
यह सभी जानकारी पीसीबी के नए अध्यक्ष नजम सेठी ने यहां एक प्रेस वार्ता में दी। मार्च-2009 में पाकिस्तान दौरे पर आई श्रीलंकाई टीम पर हुए आतंकी हमले के बाद करीब सभी देशों ने पाकिस्तान में क्रिकेट खेलने से मना कर दिया था, जिसके चलते इस बीच पाकिस्तान को अपने सारे घरेलू मैच संयुक्त अरब अमीरात में खेलने पड़े।
सेठी ने कहा, "यह बहुत बड़ी बात है। सितंबर, अक्टूबर और नवंबर बड़े महीने हैं। यह बड़ा एजेंडा है और हमें आप लोगों की दुआओं की जरूरत है। हम एकबार फिर अपने दरवाजे अंतर्राष्ट्रीय टीमों के लिए खोलने को तैयार हैं। दुआ कीजिए की हम अपनी सुरक्षा चाक चौबंद रखें। पंजाब सरकार ने अपनी मंजूरी दे दी है और हम तैयारी में जुट गए हैं।"
उन्होंने कहा, "अगले 72 घंटों में मैं विश्व एकादश के खिलाड़ियों के नामों की घोषणा कर दूंगा। मेरा पास नाम हैं, लेकिन इस समय मैं इतना ही कह सकता हूं कि क्रिकेट खेलने वाले शीर्ष देशों के शीर्ष खिलाड़ी पाकिस्तान का दौरा करेंगे।"
विश्व एकदाश टीम के कोच एंडी फ्लॉवर के साथ पाकिस्तान का दौरा करेगी और लाहौर आने से पहले दुबई में सात दिनों के शिविर में हिस्सा लेगी। यह टी-20 सीरीज 10 सितंबर से शुरू होगी। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की टीम 26-27 अगस्त को लाहौर का दौरा कर सकती है।
विश्व एकदाश की टीम का चयन इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के निदेशक फ्लॉवर करेंगे। इन मैचों को अंतर्राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त होगा। आईसीसी ने इस दौर के लिए अपना समर्थन देने की बात कही है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर्स महासंघ (एफआईसीए) ने विश्व एकादश के साथ खेलने का फैसला खिलाड़ियों पर ही छोड़ा है।