पाकिस्तानी टीम ने कुंबले को रोकने के लिए रची थी जब यह साजिश, 21 साल बाद अकरम को याद आया दिल्ली टेस्ट
भारत के दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ दिल्ली टेस्ट में एक पारी में 10 विकेट लेने का कीर्तिमान स्थापित किया था। कुंबले ऐसा करने वाले भारत के इकलौते और दुनिया के दूसरे गेंदबाज बने थे।
साल 1999 और दिल्ली के फिरोजशाह कोटला में खेला गया भारत-पाकिस्तान के बीच का टेस्ट मुकाबला आज भी फैंस के जहन में है। यह टेस्ट मैच कई मायनों में भारतीय टीम के लिए खास है। इसी टेस्ट मैच में भारत के दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने एक पारी में 10 विकेट लेने का कीर्तिमान स्थापित किया था। कुंबले ऐसा करने वाले भारत के इकलौते और दुनिया के दूसरे गेंदबाज बने थे। कुंबले के इस रिकॉर्ड को आज तक कोई भी भारतीय गेंदबाज नहीं तोड़ पाया है। कुबंले से पहले यह कारनामा इंग्लैंड के जिम लैकर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ साल 1956 में किया था।
इसी टेस्ट मैच को लेकर उस समय पाकिस्तानी टीम के कप्तान रहे दिग्गज तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने आकाश चोपड़ा के साथ वीडियो चैट में आपनी यादों को साझा किया और बताया कि जब कुंबले 9 विकेट ले चुके थे तो हमारी टीम की कोई योजना नहीं थी उन्हें पारी में 10 विकेट लेने के रिकॉर्ड को बनाने से रोका जाए।
हालांकि पाकिस्तानी टीम के कप्तान रहे अकरम पर यह आरोप लगता रहा है कि वह कुंबले को रिकॉर्ड नहीं बनाने देना चाहते थे और उन्होंने उस मैच में साथी बल्लेबाज से कहा था कि वह कुंबले की जगह वह किसी और बल्लेबाज से आउट हो जाए, जिससे कि वह 10 विकेट पूरा नहीं कर पाए लेकिन अकरम ने आकश चोपड़ा के साथ बातचीत में इस चीज पूरी तरह से नकार दिया।
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दरअसल भारत और पाकिस्तान के बीच के दिल्ली में यह दूसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा था। पाकिस्तानी टीम को दूसरी पारी में भारत ने 420 रनों का विशाल लक्ष्य दिया था। पाकिस्तानी टीम पहले टेस्ट मैच को जीत चुकी थी। ऐसे में इस मुकाबले को जीतकर वह सीरीज में 2-0 की बढ़त बनाना चाहती थी।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तानी टीम के लिए ओपनर बल्लेबाज शाहिद अफरिदी और सईद अनवर ने धमाकेदार शुरुआत की। पाकिस्तान बिना कोई विकेट गंवाए 101 रन बनाकर अच्छी स्थिति में दिख रही थी लेकिन यहां से अनिल कुंबले ने अपना जादू चलाया।
कुंबले ने सबसे 41 रन बनाकर खेल रहे अफरिदी को पवेलियन वापस भेजा। इसके बाद तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए इजाज अहमद को बिना खाता खोले ही वापसी का रास्ता का दिखा दिया। कुछ ओवर बाद इंजमाम उल हक कुंबले का शिकार बने। इसके बाद मानों पाकिस्तानी टीम के विकटों की झड़ी लग गई।
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इस तरह पाकिस्तानी टीम 200 रन के करीब पहुंचते-पहुंचते अपने 9 विकेट गंवा चुकी थी। भारतीय टीम को जीत के लिए सिर्फ एक विकेट की दरकार थी। वहीं अकरम ने इस बात को नकार दिया कि उन्होंने कुंबले को रिकॉर्ड बनाने से रोकने के लिए कोई योजना बनाई थी।
आकश चोपड़ा के साथ बात चीत में अकरम ने कहा, ''नहीं, यह खेल भावना के बिल्कुल ही खिलाफ था कि मैं कुंबेल को रिकॉर्ड बनाने से रोकने के लिए किसी दूसरे गेंदबाज से आउट हो जाऊं। मैं उस मैच में वकार यूनुस से कहा था कि तुम अपना स्वभाविक खेल खेलो। मैं अनिल कुंबले की गेंद पर आउट नहीं होउंगा। एक कप्तान के तौर पर मैंने यूनुस से कहा था कि तुम कुंबले को सुरक्षात्मक ढंग से खेल सकते हो और जवागल श्रीनाथ की गेंद पर हम रन बन सकते हैं। लेकिन ऐसा कुछ हो पाता की कुंबले के ओवर के खत्म होने से पहले ही मैं आउट हो गया। यह भारत और कुंबले दोनों के लिए बड़ा दिन था।''
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इस मैच में पाकिस्तान की पूरी टीम ने 207 रन बनाकर ऑआउट हो गई। कुंबले ने अकरम के रूप में अपना 10वां विकेट पूरा किया था जिन्होंने 66 गेंद पर 37 रन बनाए थे और इस तरह भारत ने यह मैच 212 रनों से अपने नाम कर सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली थी।
वहीं कुंबले ने इतिहास रचते हुए इस मैच में 26.3 ओवर में 74 रन खर्च 10 विकेट अपने नाम किए थे। इसके अलावा कुंबले ने पहली पारी में भी 4 विकेट हासिल किए थे और उन्होंने मैच में भारतीय टीम के लिए कुल 14 विकेट लिए।
कुंबले के अलावा भारत की इस जीत में ओपनर बल्लेबाज सदगोपन रमेश की भूमिका महत्वपूर्ण रही थी। रमेश ने दोनों पारियों में भारत के लिए अर्द्धशतक लगाया था। पहली पारी में उन्होंने 60 रन बनाए थे जबकि दूसरी पारी में वह 96 रन के स्कोर पर आउट होकर अपने शतक से चूके थे।