टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को हम उनके कूल रवैये के लिए जानते हैं। धोनी जितने शांत दिखाई देते हैं उनका दिमाग मैदान पर उतनी ही तेजी से चलता है। मैदान पर विकेट कीपिंग से लेकर खिलाड़ियों की एकजुटता की बात हो या फिर आउट ऑफ द बॉक्स जाकर टीम के हित में फैसले लेने की इसमें धोनी का मुकाबला नहीं है। कुछ ऐसे ही फैसले कई बार धोनी मैदान के बाहर भी लिया करते थे।
टीम इंडिया के पूर्व मेंटल कंडीशनल कोच पैडी अप्टन ने हाल ही में अपनी किताब 'द बेयरफुट' लॉन्च की है जिसमें उन्होंने टीम इंडिया के कई किस्सों का जिक्र किया है। इस किताब में उन्होंने टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर के बारे में भी विवादास्पद बातें लिखी थी।
अप्टन ने अपनी इस किताब में महेंद्र सिंह धोनी के बारे में भी दिलचस्प खुलासे किए हैं। जिसमें से उन्होंने एक खुलासा करते हुए लिखा है कि जब खिलाड़ी लेट आते थे तो धोनी ने उनको सजा के रूप में 10,000 रुपए जुर्माना भरने का प्रस्ताव की बात भी कही थी।
अप्टन ने अपनी इस किताब में लिखा 'जब मैं टीम में शामिल हुआ तो टेस्ट टीम के कप्तान अनिल कुंबले (Anil Kumble) थे और वनडे टीम के कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) थे। हमारे पास एक बहुत ही स्वशासित प्रक्रिया थी। इसलिए हमने टीम से कहा 'क्या अभ्यास और टीम की बैठकों के लिए समय पर होना महत्वपूर्ण है?' सभी ने कहा कि हां।।। तो हमने उनसे पूछा कि अगर कोई समय पर नहीं है, तो क्या करना चाहिए? हमने अपने और खिलाड़ियों के बीच चर्चा की और आखिरकार इसे तय करने के लिए कप्तान पर छोड़ दिया गया।'
इसके बाद कुंबले देर से आने के लिए एक खिलाड़ी पर 10,000 रुपए का जुर्माना लगाने की सलाह देते हैं तो वहीं धोनी ने उसी सजा में एक नया पहलू जोड़ दिया। अप्टन ने कहा, टेस्ट टीम में अनिल कुंबले ने कहा कि जो व्यक्ति देर से आएगा उसे दस हजार रुपए जुर्माना देना होगा फिर हमने वनडे टीम के कप्तान धोनी के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि देर से आने के लिए जुर्माना होना चाहिए। अगर किसी को देर से आएगा तो हर किसी को दस हजार रुपए जुर्माना अदा करना होगा! उसके बाद वनडे टीम का कोई खिलाड़ी कभी देर से नहीं आया।'
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