On This Day : डेब्यू के बाद 5 साल तक शतक के लिए तरसते रहे सचिन, आज ही के दिन खत्म किया था सूखा
आज के ही दिन 9 सितंबर 1994 को अपने डेब्यू मैच के 5 साल बाद सचिन ने वनडे क्रिकेट में पहला शतक जड़कर बल्ला हवा में लहराया था।
महज 16 साल की उम्र में बल्ला लेकर अंतराष्ट्रीय क्रिकेट के मैदान में उतरने वाले सचिन तेंदुलकर के बारे में किसी ने नहीं सोचा होगा कि वो इस खेल में अपना एक अलग ग्रंथ लिखवा देंगे। सचिन ने क्रिकेट के मैदान में एक बार कदम रखने के बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपने नाम कई ऐसे रिकॉर्ड किए जो आज भी कायम है। जिसमें सचिन के 100 शतकों ( टेस्ट 51, वनडे 49 ) का रिकॉर्ड सबसे ख़ास है। इन शतकों में आज के ही दिन 9 सितंबर 1994 को अपने डेब्यू मैच के 5 साल बाद सचिन ने वनडे क्रिकेट में पहला शतक जड़कर बल्ला हवा में लहराया था।
साल 1994 यानि अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने के 5 साल बाद सचिन श्रीलंका में सिंगर वर्ल्ड सीरीज खेल रहे थे। उन दिनों सचिन टीम इंडिया के लिए ओपनिंग करने लगे थे और उन्हें खेलने के लिए काफी समय मिलता था। जबकि शुरू में सचिन टीम इंडिया के लिए काफी नीचे बल्लेबाजी करने आते थे। ऐसे में 77वें वनडे मैच में सचिन एक बार फिर ओपनिंग करने उतरें तो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार शतक जमाया। अपनी पहली शतकीय पारी के दौरान सचिन ने 119वीं गेंद पर अपना पहला वनडे शतक लगाकर कौशलता और अपने सब्र का प्रमाण दे दिया था। करियर के पांच साल बाद के इस पहले शतक की ऊर्जा से पूरा स्टेडियम खिल उठा था। सचिन ने 130 गेंदों में 110 रन बनाए थे जिसमे 8 चौके और 2 छक्के शामिल थे।
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ऐसे में सचिन की शानदार बल्लेबाजी के चलते टीम इंडिया ने 50 ओवेरों में ऑस्ट्रेलिया के सामने 246 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा। जिसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने अपने सटीक लाइन एंड लेंथ से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को पानी पिला दिया। उनकी पूरी टीम 215 रनों पर ऑल आउट हो गई और मैच के बाद सचिन को 'मैन ऑफ द मैच’ पुरूस्कार से नवाजा गया।
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इस तरह 5 साल बाद सचिन के बल्ले से निकलने वाले 100 शतकों के पहले वनडे शतक को फैन्स कभी नहीं भूलना चाहेंगे। जिसने सचिन की बल्लेबाजी एक नई उड़ान और आत्मविश्वास दिया। जिसके चलते वो अपने 24 साल के अंतराष्ट्रीय करियर में 100 शतक लगाने में कामयाब हो पाए। जबकि वनडे क्रिकेट में 18,426 रन तो टेस्ट क्रिकेट में 15,921 रन उनके नाम हैं। यही कारण हैं कि उन्हें भारत 'क्रिकेट का भगवान' कहकर भी पुकारा जाता है।