आज के दिन भारत ने तोड़ा था ऑस्ट्रेलिया का 'गुरूर', घर में घुसकर लिया था बदला
ये वो सीरीज थी जब ऑस्ट्रेलिया दौरे पर विवाद भारत के पीछे पड़े हुए थे।
4 मार्च, 2008 ये वो तारीख है जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद रखी जाएगी, ये वो तारीख है जिसने भारतीय फैंस का सिर गर्व से ऊपर कर दिया, ये वो तारीख है जब भारत ने क्रिकेट की दुनिया में ऑस्ट्रेलिया के राज को खत्म किया, ये वो तारीख है जब भारत ने घर में घुसकर ऑस्ट्रेलिया को हराया और ये वो तारीख है जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया से उन्हीं के घर में पहली बार वनडे ट्राई सीरीज जीतकर टेस्ट सीरीज में हार का बदला लिया। आइए आपको बताते हैं कि कैसे भारत ने आज के दिन लिया था सबसे बड़ा बदला।
टेस्ट सीरीज हार चुका था भारत: टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी और टीम टेस्ट सीरीज पहले ही हार चुकी थी। उस सीरीज में हरभजन सिंह-एंड्र्यू सायमंड्स विवाद ने पूरे क्रिकेट जगत को हिलाकर रख दिया था। भारी दबाव के बीच टीम इंडिया को अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे ट्राई सीरीज खेलनी थी जिसमें तीसरी टीम श्रीलंका थी।
भारत-ऑस्ट्रेलिया पहुंचे फाइनल में: दबाव में बेहतरीन खेल दिखाते हुए भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीम फाइनल में पहुंचीं। कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज के फॉर्मेट के आधार पर बेस्ट ऑफ थ्री फाइनल खेले जाने थे। यानि की जो दो फाइनल जीतता उसी को सीरीज मिलती। ऐसे में भारत ने 2 मार्च को खेले गए पहले फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 6 विकेट से हराकर पहला फाइनल अपने नाम कर लिया।
टीम इंडिया का बदला
दूसरे फाइनल में भारत की पहले बल्लेबाजी: भारत पहला फाइनल जीत चुका था। दोनों देशों के बीच पारा बहुत गर्म था और ऐसा लग रहा था कि मुकाबला किसी मैदान पर नहीं बल्कि आग की भट्ठी पर खेला जा रहा हो। 4 मार्च को खेले गए दूसरे फाइनल में भारत की बल्लेबाजी थी। टीम इंडिया के सामने बड़ा स्कोर बनाने की चुनौती थी।
भारत ने बनाया चुनौतीपूर्ण स्कोर: पहले बल्लेबाजी करते हुए सचिन तेंदुलकर और रॉबिन उथप्पा ने भारत को अच्छी शुरुआत दिलाई। दोनों ने पहले विकेट के लिए 94 रन बनाए। हालांकि अच्छी शुरुआत के बाद भी भारत का मिडिल ऑर्डर लड़खड़ गया और अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में नहीं बदल सका। सचिन ने एक छोर पर शानदार बल्लेबाजी की। हालांकि वो नर्वस नाइंटीज का शिकार को हो गए और 91 रन पर आउट हो गए। भारत ने सचिन की पारी की बदौलत 258 रन बनाए।
बेहद रोमांचक मुकाबले में जीता भारत: जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम की शुरुआत बेहद खराब रही और टीम को पहला झटका सिर्फ 2 रन के कुल योग पर ही लग गया। कंगारुओं के विकेट लगातार गिर रहे थे और टीम के 3 विकेट 32 रन पर ही गिर गए।
भारत मैच में हावी होने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन मैथ्यू हेडन और एंड्र्यू सायमंड्स ने पारी को संभाल लिया। दोनों ने बेहतरीन बल्लेबाजी की और स्कोर को 100 के पार पहुंचा दिया। दोनों अपनी टीम को मैच में वापस ले आए। इसी बीच हेडन ने अपना अर्धशतक भी ठोक दिया। हालांकि हेडन (55) रन बनाकर रन आउट हो गए और टीम इंडिया को बड़ा विकेट मिल गया।
हेडन के आउट होने के बाद सायमंड्स ने माइक हसी के साथ मिलकर स्कोर को आगे बढ़ाया। दोनों ने अपनी टीम को मैच में बनाए रखा। हालांकि भारत ने दबाव में अपने खेल को बिखरने नहीं दिया और हसी को आउट कर दिया। लेकिन हसी के आउट होने के बाद जेम्स होप्स अड़ गए। भारत के लिए होप्स और सायमंड्स का विकेट लेना बहुच जरूरी हो गया था। इसी बीच भारत को हरभजन ने सायमंड्स को आउट कर टेस्ट सीरीज से चली आ रही दोनों के बीच की जंग को जीत लिया। भारत ने आखिर में ऑस्ट्रेलिया को 49.4 ओवरों में 249 पर ऑल आउट कर बेहद रोमांचक मैच को 9 रन से जीत लिया।
भारत ने लिया बदला: भारत ने इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया से टेस्ट सीरीज में मिली हार का बदला ले भी लिया।
पहली बार ऑस्ट्रेलिया में जीती ट्राई सीरीज: ये पहली बार था जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया में ट्राई सीरीज जीती थी। भारत के लिए काफी कुछ साख पर लगा हुआ था और टीम ने बेहद दबाव में ऑस्ट्रेलिया को हराकर खुद को साबित कर दिया था। 2008 में इस ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर जबसे भारत ने ऑस्ट्रेलिया में कदम रखा था तबसे ही कोई ना कोई विवाद और ऑस्ट्रेलिया की स्लेजिंग सुर्खियों में बनी हुई थी। लेकिन कहते हैं ना अंत भला तो सब भला। वैसे ही भारत ने ट्राई सीरीज जीतकर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों और मीडिया के मुंह पर ताला जड़ दिया था।