धोनी के लिए राष्ट्रीय कर्तव्य से बढ़कर कुछ नहीं, क्रिकेट से संन्यास के बाद अब सेना में दे सकते हैं अपनी सेवा
धोनी भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। वह इकलौते ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने अपने नेतृत्व में आईसीसी के तीनों (टी-20 विश्व कप, वनडे विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी) बड़े खिताब टीम को दिलाए।
'मैं अभी राष्ट्रीय कर्तव्य पर हूँ। दुनिया की तमाम चीजें इंतजार कर सकती हैं' यह बात भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने तब कही थी जब वह पिता बने थे। किसी इंसान के लिए पिता बनना दुनिया की सबसे बड़ी खुशी में से एक होती है लेकिन उस समय धोनी 2015 विश्व कप के लिए ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम का नेतृत्व कर रहे थे।
धोनी की पांच साल की एक बेटी है, जिसका नाम जीवा है। जीवा का जन्म 6 फरवरी 2015 में हुआ था और बेटी के जन्म के समय वह उस देश बाहर थे। उसी दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में धोनी यह बात कही थी। इस घटना को पांच साल से अधिक हो चुके हैं और बीते 15 अगस्त को धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का एलान किया है।
धोनी भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। वह इकलौते ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने अपने नेतृत्व में आईसीसी के तीनों (टी-20 विश्व कप, वनडे विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी) बड़े खिताब टीम को दिलाए।
अब सवाल यह है कि इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास के बाद धोनी आगे क्या करने वाले हैं। हालांकि वह इंडियन प्रीमियर लीग में खेलना जारी रखेंगे लेकिन यह टूर्नामेंट भी साल में एक बार ही होता है।
धोनी एक खिलाड़ी के अलावा एक ऐसे व्यक्ति हैं जो राष्ट्र सेवा के प्रति प्रतिब्द्धता को सबसे पहले प्राथिमिकता देते हैं। यही कारण हैं कि पिछले साल खेले गए विश्व कप के बाद वह क्रिकेट से ब्रेक लेकर देश की सेवा के खातिर भारतीय प्रादेशिक सेना में समय बिताए थे। इसके अलावा भी धोनी कई बार खुले मंचों से यह चुके हैं कि क्रिकेट से संन्यास के बाद वह भारतीय आर्मी में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहते हैं।
इस तैनाती के दौरान धोनी ने वह सब काम किया किया जो कि सेना का एक जवान विषण परिस्थियों में करता है। इंडिया टीवी के पास उनकी ऐसी ही कुछ अनदेखी तस्वीर और वीडियो हैं जिसमें वह अपनी पूरी यूनिट के साथ नजर आ रहे हैं।
इन तस्वीरों में धोनी एक क्रिकेट के मैदान के ही भांति सेना के जवानों को भी नेतृत्व क्षमता का कौशल सिखाते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं इस दौरान वह जिम में जवानों को शारीरीक रूप से फिट रहने के भी कुछ महत्वपूर्ण टिप्स भी दिए। साथ ही खाली में समय में वह जवानों के साथ बॉलीवॉल भी खेलते हुए देखे गए।
इस दौरान धोनी ने सेना की ट्रेनिंग में निशानेबाजी करते हुए 10 में 9 अंक हासिल किए थे। इस 10 दिन की ट्रेनिंग में उन्होंने फायरिंग प्रैक्टिस के साथ सेना के जवानों को मोटिवेट करने का भी काम किया।
आपको बता दें कि साल 2018 में धोनी को जब पद्म भूषण सम्मान मिला था तो राष्ट्रपति भवन में वे मानद रैंक लेफ्टिनेंट कर्नल की यूनिफॉर्म में नजर आए थे। जैसे ही उनका नाम पुकारा गया धोनी किसी सैन्य अधिकारी की ही तरह कदमताल करते हुए राष्ट्रपति के पास पहुंचे और उसी तरह वापस आए थे।
यही कारण है कि धोनी को एक ऐसे समर्पित क्रिकेटर के रूप में जाना जाता है जो सिर्फ खेल में ही नहीं जरुरत पड़ने पर सेना की वर्दी पहनकर देश की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं। ऐसे में क्रिकेट से संन्यास के बाद अब इस बात की पूरी संभावना है कि वह सेना में शामिल होकर देश की सेवा करेंगे।
महेंद्र सिंह धोनी को साल 2011 में विश्व कप जीतने के बाद धोनी को भारतीय सेना के टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक दी गई थी। धोनी ऐसे पहले खिलाड़ी नहीं है जिन्हें भारतीय सेना या डिफेंस फोर्स ने इस तरह की रैंक दी गई हैं लेकिन वह बिना किसी शक के सेना की वर्दी के प्रति अपना फर्ज निभाने की दौड़ में अपने साथियों से काफी आगे हैं।
With inputs from Manish Prasad (Sr. Editor, Defence)