35 साल की मिताली राज की नजरें 2021 वर्ल्ड कप खेलने पर
मिताली ने 2021 में अपने छठे वर्ल्डकप में खेलने का विकल्प खुला रखा है बशर्ते फॉर्म और फिटनेस उन्हें निराश नहीं करे।
नई दिल्ली: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज ने वर्ष 2021 में होने वाले वर्ल्डकप पर अपना ध्यान केंद्रित कर रखा है। मिताली ने 2021 में अपने छठे वर्ल्डकप में खेलने का विकल्प खुला रखा है बशर्ते फॉर्म और फिटनेस उन्हें निराश नहीं करे। इस साल जून-जुलाई में इंग्लैंड में हुए वर्ल्डकप में मिताली की अगुआई वाली भारतीय टीम ने फाइनल में जगह बनाई थी। इससे पहले मिताली ने कहा था कि यह उनका अंतिम वर्ल्डकप होगा, लेकिन अब लगता है कि वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाली इस बल्लेबाज ने अपना मन बदल लिया है।
मिताली ने कहा, ‘मैंने अगले विश्व कप में खेलने के विचार को खारिज नहीं किया है लेकिन वर्ल्डकप के चौथे साल तक पहुंचने के लिए मुझे पहले अगले तीन साल से गुजरना होगा।’उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए यह देखना और आकलन करना भी महत्वपूर्ण होगा कि तब तक (2021 तक) मेरी फॉर्म कैसी रहती है, इसलिए अभी मैं अभी वर्ल्ड टी20 और 2018 के अन्य मैचों के बारे में सोच रही हूं।’भारतीय टीम ने जुलाई में वर्ल्डकप के बाद से कोई मैच नहीं खेला है और टीम अपनी अगली सिरीज़ फरवरी में ही खेलेगी। मिताली ने कहा कि खिलाड़ी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आईसीसी वनडे चैंपियनशिप की अपनी पहली सिरीज़ की तैयारी दिसंबर में शुरू करेगी। इस चैंपियनशिप के हिस्से के तौर पर भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच से 10 फरवरी तक तीन मैचों की सिरीज़ खेलनी है।
उन्होंने कहा, ‘घरेलू सत्र की शुरुआत दिसंबर में होगी और यह दक्षिण अफ्रीका दौरे की तैयारी का काम करेगा। इसके जरिये खिलाड़ी तीन महीने के ब्रेक के बाद खेल में दोबारा लय हासिल करने की शुरुआत करेंगी।’ मिताली बीसीसीआई की महिला क्रिकेट के लिए विशेष समिति का भी हिस्सा है जिसने हाल में घरेलू ढांचे में बदलाव करते हुए अंडर 16 वर्ग को पूरे भारत में लागू किया। समिति ने युवा भारतीय खिलाड़ियों के लिए ‘ए’ दौरे शुरू करने का फैसला किया। मिताली का मानना है कि ‘ए’ दौरों से अगले वर्ल्डकप के लिए टीम तैयार करने में काफी मदद मिलेगी।
महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए आईसीसी सीमित ओवरों के प्रारूप का इस्तेमाल कर रहा है और इस दौरान काफी कम टेस्ट मैच हो रहे हैं। मिताली ने हालांकि कहा कि टेस्ट क्रिकेट में खिलाड़ी की सबसे कड़ी परीक्षा होती है। उन्होंने कहा, ‘अगर आपको अच्छी बुनियाद की जरूरत है तो टेस्ट प्रारूप प्रत्येक खिलाड़ी के लिए वनडे अंतरराष्ट्रीय और टी20 मैचों से अधिक चुनौतीपूर्ण होता है।’’