भुवनेश्वर कुमार क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में से किसी एक को प्राथमिकता नहीं देना चाहते लेकिन वह भविष्य में एक बार फिर टेस्ट क्रिकेट में सफेद जर्सी पहनने के विचार के खिलाफ नहीं है। इंग्लैंड में विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल के दौरान उनकी कमी महसूस की गयी और अब उन्होंने हाल में हो रही चर्चाओं के संबंध में बात साफ कर दी जिसमें कहा जा रहा था कि वह खुद ही खेल के पारपंरिक प्रारूप में नहीं खेलना चाहते।
अगले 12 से 18 महीने के चक्र में टेस्ट क्रिकेट खेलने के बारे में उनका क्या विचार है तो उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मेरे लिये कोई प्राथमिकता नहीं है भले ही यह लाल गेंद का क्रिकेट हो या फिर सफेद गेंद का। अगर मैं लाल गेंद के क्रिकेट के लिये चुना जाता हूं और मैं टीम का हिस्सा होता हूं तो मैं निश्चित रूप से योगदान करने की कोशिश करूंगा।"
भारत की श्रीलंका के खिलाफ सफेद गेंद की श्रृंखला रविवार को वनडे से शुरू हो रही है, उन्होंने कहा, "मैं किसी भी क्रिकेट को प्राथमिकता देने के बारे में नहीं सोच रहा हूं इसलिये सभी प्रारूपों के लिये तैयारी पर काम कर रहा हूं।"
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इंग्लैंड के बाद अगली टेस्ट श्रंखला न्यूजीलैंड के साथ घरेलू मैदान पर है जिसके बाद दक्षिण अफ्रीका के साथ उसके मैदान पर श्रृंखला होगी। भुवनेश्वर भारत के लिये अंतिम टेस्ट 2018 में दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर खेले थे। भारत अगले साल श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी भी करेगा और फिर बांग्लादेश से उसके मैदान पर श्रृंखला खेलेगा। उन्होंने कहा, "मैं इतना आगे के बारे में नहीं सोच रहा हूं, निश्चित रूप से 18-20 महीनों के बारे में नहीं। मैं इन सभी तीनों प्रारूपों के लिये खुद को तैयार करूंगा।"
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