नयी दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व तूफ़ानी ओपनर वीरेंदर सहवाग का कहना है कि अगर सिलेक्टर्स ने पहले उन्हें बता दिया होता कि उन्हें टीम से निकाला जा रहा है तो वह बोर्ड से आग्रह करके अपना आख़िरी टेस्ट दिल्ली में खेलकर रिटायरमेंट की घोषणा करते।
20 अक्टूबर को अपने 37वें जन्मदिन पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले सहवाग ने यह बात रजत शर्मा के शो आप की अदालत में की जो शनिवार की रात प्रसारित होगा। उन्होंने कहा कि उनके मन में हमेशा ये टीस रहेगी कि उन्हें खेलते हुए रिटायर होने का मौक़ा नहीं दिया गया।
सहवाग ने कहा: "मेरे मन में हमेशा टीस रहेगी कि मुझे खेलते हुए रिटायर होने का मैक़ा नहीं दिया गया, लेकिन कोई बात नहीं, ये तो हर उस खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा होता है जिसे खेलते समय कभी एहसास नहीं होता कि उसे कब रिटायर होना चाहिये लेकिन रिटायरमेंट के बारे में वह तब सोचना शुरु करता है जब वह टीम से बाहर कर दिया जाता है।"
"मैं पूछना चाहूंगा: ऐसा खिलाड़ी जो अपने देश के लिए 12-13 साल तक खेला हो, क्या विदाई मैच का हक़दार नहीं है?"
भारत और साउथ अफ़्रीका के बीच दिल्ली में 3 दिसंबर को शुरु होने वाले अंतिम टेस्ट मैच के दौरान उन्हें औपचारिक रुप से बिदाई देने की चर्चा पर सहवाग ने कहा:"अगर ऐसा होता है तो बहुत अच्छा होगा। अगर BCCI ये काम नहीं कर पाती तो कम से कम DDCA को तो करना चाहिये। ये सिर्फ मेरे रिटायरमेंट क सवाल नही है, जो भी खिलाड़ी रिटायर होता है उसे औपचारिक बिदाई दी जानी चाहिये।"
पूर्व बल्लेबाज़ ने कहा कि तीस साल का होने पर ही उन्होंने तय कर लिया था कि वह 37 साल की उम्र में रिटायर हो जाएंगे।
चयन का एक तय पैमाना होना चाहिये:
सहवाग ने कहा कि सीनियर हो या जूनियर, सबके लिए चयन का एक तय पैमाना होना चाहिये। "अगर कोई लगातार 4-5 मैंचों में फ़्लॉप होता है तो उसे टीम से ड्रॉप किया जाना चाहिये भले ही वह सीनीयर हो या जूनियर।"
क्या है सहवाग का पाकिस्तान कनेक्शन, पड़ें अगली स्लाइड पर:
Latest Cricket News