कोहली को लगता है कि वह बॉस है तो कोच की जरूरत नहीं है: प्रसन्ना
पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर ईरापल्ली प्रसन्ना ने शुक्रवार को विराट कोहली को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर वर्तमान कप्तान को लगता है कि वह भारतीय क्रिकेट का बॉस है तो फिर टीम कोच के बिना रह सकती है।
कोलकाता: पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर ईरापल्ली प्रसन्ना ने शुक्रवार को विराट कोहली को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर वर्तमान कप्तान को लगता है कि वह भारतीय क्रिकेट का बॉस है तो फिर टीम कोच के बिना रह सकती है। प्रसन्ना से जब कोहली और भारतीय टीम के कोच पद से इस्तीफा देने वाले कुंबले के बीच मतभेदों के बारे पूछा गया तो उन्होंने सपाट शब्दों में जवाब दिया।
प्रसन्ना ने कहा, ‘उन्हें कोच की जरूरत क्यों है जब कप्तान ही बॉस है। मुझे तो यहां तक लगता है कि उन्हें बैटिंग और फील्डिंग कोच (संजय बांगड़ और आर. श्रीधर) की भी जरूरत नहीं है।’ प्रसन्ना ने कोहली की कप्तानी क्षमताओं पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘निसंदेह कोहली बहुत अच्छा खिलाड़ी है लेकिन मैं नहीं कह सकता कि वह अच्छा कप्तान है या नहीं।’ कुंबले ने चैंपियन्स ट्राफी के फाइनल में पाकिस्तान से हार के बाद मुख्य कोच पद छोड़ दिया था। उन्होंने कहा था कि कोहली को उनकी कोचिंग शैली पर आपत्ति है और यह साझोदारी अस्थिर है। भारतीय टीम कोच के बिना ही वेस्टइंडीज दौरे पर गई है जहां उसे 5 वनडे और एक टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलना है।
प्रसन्ना ने कहा, ‘अगर अनिल कुंबले जैसे दिग्गज क्रिकेटर का सम्मान नहीं हो रहा है तो फिर मुझे नहीं लगता कि बांगड़ या श्रीधर में इतना दम होगा कि वे पूरे आत्मविास के साथ कोहली से बात कर पाएं। इनमें से कोई भी कुंबले की तरह अनुभवी नहीं है। किसी को फिजिकल एक्सर्साइज के लिए बुला दो और यही पर्याप्त है। अगर कप्तान का रवैया इस तरह का है तो मुझे नहीं लगता कि आपको कोच की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर वह (कोहली) जिम्मेदारी लेता है तो हम पुराने दिनों में लौट सकते हैं जबकि तमाम चीजों की देखभाल के लिए मैनेजर नियुक्त किया जाता था। कोच की भूमिका परिभाषित नहीं की गई है।’
प्रसन्ना ने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि भारत युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी से आगे के बारे में सोचे। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि वे 2019 में होने वाले अगले विश्व कप तक खेल जारी रखने में सफल रहेंगे। तब तक वे 38 साल के हो जाएंगे। हमें नए और युवा खिलाड़ी चाहिए जो बेहद चपल हों। धोनी विकेटकीपर होगा लेकिन एक फील्डर के रूप में युवराज बोझा बनता जा रहा है। चयनकर्ताओं को वेस्टइंडीज दौरे के लिए अधिक युवा खिलाड़ियों को आजमाना चाहिए था क्योंकि उनका सामना एक सबसे कमजोर टीम से है।’