कोहली की इन तीन 'विराट' कमजोरियों का कीवी गेंदबाजों ने उठाया जमकर फायदा
न्यूजीलैंड दौरे पर दो टेस्ट मैचों की चार पारियों में 9.50 के औसत से सिर्फ 38 रन बनाने वाले कोहली की बल्लेबाजी में न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने एक नहीं बल्कि तीन बड़ी कमियां दुनिया के सामने लाकर रख दी है।
न्यूजीलैंड दौरे पर टीम इंडिया को वनडे बाद दो मैचों की टेस्ट सीरीज में भी क्लीन स्वीप से बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। जिसमें न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने कहर बरपाते हुए टीम इंडिया के बल्लेबाजों की कलई खोल दी। दोनों टेस्ट मैचों की चार पारियों में टीम इंडिया के बल्लेबाज 250 का आकड़ा भी ना पार सके। नतीजतन टीम इंडिया को दोनों टेस्ट मैचों में बुरी हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में टीम इंडिया की हार का प्रमुख कारण कप्तान विराट कोहली की बल्लेबाजी भी बनी। उनकी बल्लेबाजी के खिलाफ न्यूजीलैंड ने एक नहीं बल्कि तीन-तीन नए प्लान से हमला किया और सफल भी रहे। जिसके चलते पूरी दुनिया के मैदानों में अपनी बल्लेबाजी से कहर बरपाने वाले कोहली ने कीवी गेंदबाजों के सामने घुटने टेंक दिए और मैच के बाद स्वीकार किया कि कीवी गेंदबाजों ने उन्हें गलती करने पर मजबूर कर दिया था।
न्यूजीलैंड दौरे पर दो टेस्ट मैचों की चार पारियों में 9.50 के औसत से सिर्फ 38 रन बनाने वाले कोहली की बल्लेबाजी में न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने एक नहीं बल्कि तीन बड़ी कमियां दुनिया के सामने लाकर रख दी है। जिस पर काम करते हुए कीवी गेंदबाजों कोहली के खिलाफ सीरीज में जमकर हमला किया और कोहली को हमेशा बैकफुट पर रखा।
कोहली की ताकत को बनाया कमजोरी
कप्तान विराट कोहली को टेस्ट क्रिकेट में ड्राइव व कट मारना काफी रास आता है। इतना ही नहीं आउट साइड ऑफ स्टंप कोहली का मजबूत क्षेत्र भी माना जाता है। लेकिन अगर गेंद गुड लेंग या उससे आगे ( फुल लेंथ ) पड़कर आउट स्विंग कर रही हो तो कभी-कभी कोहली इस पर चकमा भी खा जाते हैं। लिहाजा हर गेंद को खेलने के प्रयास के कारण वो अपना विकेट भी गंवा बैठते हैं। जबकि टेस्ट क्रिकेट में सफल होने वाले बल्लेबाज को ज्यादातर ऑफ स्टंप की गेंदों को खाली छोड़ देना होता है। हलांकि ऐसा ही नजारा पहले टेस्ट मैच में देखने को मिला।
न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में खेलने उतरें कप्तान कोहली के सामने थे डेब्यू मैच खेलने वाले काइल जैमीसन। कोहली के खिलाफ पूरे प्लान के साथ उतरे जैमीसन ने पहले उन्हें शुरू की गेंदे सभी बैक ऑफ़ द लेंथ यानी ( शॉट पिच ) डाली। जिसमें कोहली बैकफुट पर खेलने का प्रयास कर रहे थे। इस तरह खाली गेंदों के बाद कप्तान कोहली को ललचाते हुए जैमीसन ने अपने प्लान में बदलाव किया और उनके मजबूत और कमज़ोर पक्ष पर प्रहार किया। जेमिसन ने अचानक फुल लेंथ गेंद डाली और ड्राइव की लालसा रखने वाले कोहली ने शॉट खेला मगर गेंद ने उनके बल्ले का बाहरी किनारा लिया। जिससे कोहली 2 रन बनाकर आउट होकर चलते बने। इस तरह पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में कीवी गेंदबाजों ने उनके मजबूत पक्ष को कमज़ोर साबित कर दिया।
शॉट पिच गेंद अभी भी समस्या
पहले टेस्ट मैच की ही दूसरी पारी में अब कप्तान कोहली के सामने न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने भारत के खिलाफ पुराने ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल किया। हमेशा से इतिहास गवा रहा है कि टीम इंडिया के बल्लेबाज विदेशी सरजमीं में हमेशा से शॉट पिच गेंदों पर धाराशायी होते आए हैं। इस बार कीवी गेंदबाजों ने इसी ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल किया और कप्तान विराट कोहली की दूसरी कमजोरी को उजागर कर दिया।
पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में 43 गेंदों का सामना करके 19 रन बनाकर खेल रहे कप्तान कोहली थोड़े संभले हुए नजर आ रहे थे। वो ऑफ स्टंप की गेंदों को भी अच्छे से छोड़ और खेल रहे थे। तभी कीवी गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट ने प्लान बदलते हुए उन्हें अचानक से सटीक शॉट पिच गेंद डाली जिसे छोड़ने के बजाए कप्तान कोहली ने खेलना पसंद किया और गेंद ने बल्ले का उपरी किनारा लिया। जिसके बाद विकेटकीपर वाटलिंग ने कोई गलती नहीं कि और कप्तान कोहली को पवेलियन वापस जाना पड़ा। इस तरह कप्तान कोहली की बल्लेबाजी में कीवी गेंदबाजों ने अभी भी 'शॉट पिच' नाम की दूसरी खामी को भी उजागर कर दिया।
स्टांस में बदलाव पड़ा भारी
कप्तान विराट कोहली पहले लेग स्टंप गार्ड लेकर खेलते थे, लेकिन अब वह स्टंप्स के बीच खड़े होते हैं। ऑफ स्टंप की गेंदों पर काबू पाने की वजह से वो मिडिल स्टंप गार्ड कर रहे हैं और यही उनसे सबसे बड़ी गलती हो रही है। जिस पर कीवी गेंदबाजों ने दूसरे टेस्ट मैच में प्रहार किया और सफल रहे। इस बार ना ऑफ स्टंप और ना ही शॉट पिच बल्कि इन स्विंग पर कप्तान कोहली को गेंदबाजों ने खोल दिया।
दूसरे टेस्ट मैच में कोहली के जरूरत से ज्यादा ऑफ स्टंप की ओर शफल करने की वजह से ही वह दो बार एक ही जैसी अंदर आती गेंद पर एलबीडबल्यू हुए। दरअसल, स्विंग होती गेंदों के सामने कोहली का बैट एंगल से नीचे आता है जिसके चलते वो न्यूजीलैंड की तेज पिचों पर गेंद के साथ टाइम नहीं मिला पाए और गेंद पैड लाइन में बल्ले से लगने के बजाए उनके पैड में लगी जिससे वो एक ही मैच में दो बार एक ही तरीके से चलते बने। इस तरह कप्तान कोहली को तीसरी कमी को गेंदबाजों ने उजागर किया।
बता दें कि पिछली 22 पारियों ( तीनो फोर्मेट में मिलाकर ) से कप्तान कोहली के नाम एक भी शतक नहीं आया है। जिसके चलते उनकी बल्लेबाजी पर भी अब सवालियां निशान खड़े होना शुरू हो गए हैं। ऐसे में कोहली अपनी बल्लेबाजी में किस तरह वापसी कर आलोचकों को करार जवाब देते हैं ये देखना दिलचस्प रहेगा।