कोलकाता: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने शनिवार को स्पष्ट किया कि महेंद्र सिंह धौनी के 'हितों में टकराव' संबंधी मुद्दे पर उन्होंने कभी बीसीसीआई द्वारा जांच कराए जाने की बात नहीं कही। पूरा मामला धौनी के एक खेल प्रबंधन कंपनी रीति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड से संबंध से जुड़ा हुआ है। यह कंपनी धौनी, सुरेश रैना और रवींद्र जडेजा के व्यावसायिक हितों का ध्यान रखती है। साथ ही इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीए) की फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) का विपणन का कार्य भी संभालती है।
इस कंपनी की शुरुआत अरुण पांडे द्वारा की गई थी जो धौनी के करीबी दोस्त माने जाते हैं। माना जा रहा है कि इस कंपनी में धौनी के भी 15 प्रतिशत शेयर हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट में शुक्रवार को बताया गया था कि बीसीसीआई ने इस मामले में जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति में डालमिया सहित क्रिकेट प्रशासक ज्योतिरादित्य सिंधिया और के. पी. कजारिया शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार डालमिया ने कहा था कि इस पूरे मामले को अनुशासन समिति भी देख रही है और जांच रिपोर्ट आने के बाद कोई घोषणा करेगी।
डालमिया ने हालांकि शनिवार को कहा कि ऐसा कोई कदम बोर्ड द्वारा नहीं उठाया जा रहा है।
बीसीसीआई की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार डालमिया ने कहा, "ऐसा लगता है कि मेरी बातों को गलत तरीके से पेश किया गया। मैंने अजित चंदेला के मसले पर अनुशासन समिति की रिपोर्ट आने की बात कही थी।"
डालमिया के अनुसार, "जहां तक धौनी की बात है तो मैंने केवल यह कहा था कि मैं वर्ष-2013 में जुलाई में हुई बीसीसीआई की बैठक में लिए गए फैसले को लागू कराना चाहूंगा। इसके अनुसार सभी खिलाड़ियों को किसी खेल प्रबंधन कंपनी के साथ खुद के आर्थिक तौर पर सहभाही होने के संबंध में विस्तृत जानकारी देनी होगी।"
गौरतलब है कि यह मामला दो साल पहले तब सुर्खियों में आया में जब यह बात सामने आई की धौनी के इस कंपनी में शेयर हैं। रीति स्पोर्ट्स ने उस समय यह कहकर इसे टाल दिया कि अब धौनी की इस कंपनी में कोई हिस्सेदारी नहीं है। धौनी के हालांकि अरुण पांडे के साथ अन्य कई व्यवसायों में साझेदारी से कई सवाल पैदा हुए हैं।
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