नासिर हुसैन ने भारतीय चयन समिति पर उठाए सवाल, बताया विश्व कप सेमीफाइनल में हार का प्रमुख कारण
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने भारतीय चयन समिति पर सवाल उठाते कहा है कि तीनों फॉर्मेट के लिए टीम में अलग-अलग कप्तान होने चाहिए।
इंग्लैंड पूर्व दिग्गज खिलाड़ी नासिर हुसैन का मानना है कि भारतीय क्रिकेट में अलग-अलग फॉर्मेट में अलग-अलग कप्तान की प्रणाली नहीं चल सकती है। इसके साथ ही उनका मानना है कि मौजूदा समय में भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली का व्यक्तित्व ऐसा है कि शायद वह इस पद को किसी और से साझा नहीं करेंगे।
वहीं हुसैन ने भारतीय टीम के चयन समिति पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि पिछले विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में टीम चयन में गड़बड़ी देखने को मिली थी। यही कारण है कि टीम को हार का मूंह देखना पड़ा था।
इसके अलावा हुसैन ने भारतीय क्रिरकेट बोर्ड को तीनों फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कोच रखने की भी सलाह दी। हुसैन के विचार को भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह ने भी समर्थन किया है।
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हुसैन से पूछा गया कि क्या भारत में हर प्रारूप के लिये अलग कप्तान रखने की रणनीति कारगर साबित होगी, तो वह इसको लेकर आश्वस्त नहीं लगे। हुसैन ने क्रिकबज के साथ पॉडकास्ट में कहा, ‘‘यह आपके चरित्र पर निर्भर करता है। विराट (कोहली) रौबदार चरित्र का इंसान है और उनके लिये कप्तानी किसी और को सौंपना मुश्किल होगा। वह कुछ भी सौंपना नहीं चाहेगा। दूसरी तरफ इंग्लैंड में हमारे पास इयोन मोर्गन और जो रूट के रूप में दो एक जैसे चरित्र के कप्तान हैं। ’’
उन्होंने हालांकि हर प्रारूप के लिये अलग कोच रखने पर सहमित जतायी। हुसैन ने कहा, ‘‘कोचों के पास करने के लिये बहुत कुछ होता है, फिर चाहे प्रारूप के हिसाब से अलग कोच क्यों न हो उनके पास काफी काम होता है। मैं बस केवल आपको एक नया विचार दे रहा हूं जैसे कि ट्रेवर बेलिस एक उदाहरण है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘उसने सीमित ओवरों की क्रिकेट में इंग्लैंड के लिये अच्छा काम किया लेकिन हम टेस्ट मैचों में वैसा प्रदर्शन नहीं कर पाये हैं। इसलिए दो अलग अलग कोच रखना सही होगा। ’’
हुसैन ने कहा, ‘‘चयन में उन्होंने ने अच्छा काम नहीं किया। इतने बेहतरीन बल्लेबाज होने के बावजूद वे नंबर चार के लिये अच्छा बल्लेबाज नहीं ढूंढ पाये। ’’
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सीमित ओवरों की क्रिकेट में भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक युवराज इस बात से हैरान हैं कि विक्रम राठौड़ कैसे टी20 क्रिकेट में भारत के कोच हो सकते हैं। युवराज ने यूट्यूब चैनल स्पोर्टस्क्रीन से कहा, ‘‘आपके पास विक्रम राठौड़ जैसे कोच है। वह मेरे सीनियर थे। जब मैं राज्य की तरफ से खेलता था वह मेंटोर का काम करते थे लेकिन पूरे सम्मान के साथ मैं यह कहना चाहूंगा जिस व्यक्ति ने लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेली हो तब टी20 और 50 ओवरों की क्रिकेट में दिलचस्पी रखने वाली युवा पीढ़ी को आप क्या बताओगे। विक्रम राठौड़ उन्हें तकनीक के बारे में बता सकता, लेकिन कोई ऐसा नहीं है जो उनके मानसिक पक्ष पर काम कर सके। ’’
युवराज ने यहां तक कहा कि वर्तमान कोचिंग स्टाफ अच्छी भूमिका नहीं निभा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘रवि शास्त्री के रहते हुए खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने आस्ट्रेलिया में जीत दर्ज की और अच्छा काम किया। रवि कोच के रूप में कैसे हैं मैं नहीं जानता क्योंकि उनके रहते हुए मैंने बहुत कम मैच खेले। ’’
युवराज ने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि आप हर खिलाड़ी के साथ एक जैसा रवैया नहीं अपना सकते। आपको प्रत्येक खिलाड़ी के लिये अलग तरह का तरीका अपनाना होता है और वर्तमान कोचिंग स्टाफ में मुझे यह बात नजर नहीं आती। ’’