नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में डोपिंग नियंत्रण का जिम्मा संभाल रही राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में होने वाले इस टी20 टूर्नामेंट में खिलाड़ियों के नमूने एकत्रित करने के काम को ‘आउटसोर्स’ कराना पड़ सकता है क्योंकि इसके लिये उसे काफी खर्चा करना पड़ेगा।
नाडा के लिये अगला बेहतरीन विकल्प होगा कि वह यूएई की राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संस्था (एनएडीओ) की सेवायें ले या फिर स्वीडन के अंतरराष्ट्रीय डोप परीक्षण एवं प्रबंधन (आईडीटीएम) से संपर्क करे जिसने आईपीएल के पिछले 12 सत्र के लिये नमूने एकत्रित करने और परीक्षण का काम किया
बीसीसीआई 2019 की तीसरी तिमाही से नाडा के अंतर्गत आया था जिससे एजेंसी को इस साल पहली बार आईपीएल में नमूने एकत्रित करने का काम करना होगा जो 19 सितंबर से आठ नवंबर तक खेला जायेगा। कोविड-19 महामारी के कारण बीसीसीआई को टूर्नामेंट को यूएई में कराने के लिये बाध्य होना पड़ा, हालांकि उसे अभी तक गृह मंत्रालय से अंतिम मंजूरी नहीं मिली है।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘उम्मीद है कि अगले हफ्ते अनुमोदित कार्यक्रम आ जायेगा और जब हम इसे नाडा को भेज देंगे तो वे इस पर फैसला कर सकते हैं। यह पूरी तरह से उनका फैसला होगा क्योंकि उन्हें ही नमूने एकत्रित करने और इसके लाने-ले जाने का खर्चा उठाना होगा।’’
जब नाडा महानिदेशक नवीन अग्रवाल से इस मुद्दे पर संपर्क किया गया तो उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं बताया और कहा, ‘‘जब हम इस पर फैसला कर लेंगे तो आपको बता देंगे।’’ वर्ष 2019 आईपीएल तक बीसीसीआई ने विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी से मान्यता प्राप्त आईडीटीएम के साथ नमूने एकत्रित करने और परीक्षण का खर्चा उठाया था।
Latest Cricket News