नई दिल्ली। एक ऐसे देश में जहां शेन वार्न जैसे दिग्गज स्पिनर को भी संघर्ष करना पड़ा था, वहां ऑस्ट्रेलिया के ही एडम जाम्पा प्रभावशाली साबित हो रहे हैं। उन्होंने न सिर्फ भारत के खिलाफ पहले चार मैचों में छह विकेट लिए बल्कि दो बार महेंद्र सिंह धोनी और एक बार विराट कोहली को भी आउट किया।
यह दोनों मौजूदा समय में भारत में स्पिन खेलने वाले दो सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं। वहीं अगर तुलना की जाए तो भारत के लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल को मोहाली में खेले गए चौथे मैच में मार पड़ी थी। चहल ने 10 ओवरों में 80 रन देकर एक विकेट हासिल किया था।
इस मैच के बाद कई क्रिकेट पंडितों ने चहल की आलोचना की थी लेकिन श्रीलंका के पूर्व दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने चहल की पैरवी करते हुए उन्हें चैम्पियन बताया है और कहा है कि वह सिर्फ इंसान हैं, रोबोट नहीं।
मुरलीधरन ने आईएएनएस से कहा, "आप एक खिलाड़ी से यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वह जब भी मैच खेलेगा, पांच विकेट लेगा। वह चैम्पियन गेंदबाज हैं और बीते दो साल से अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं। उन्होंने बताया है कि उनके पास विविधता है और वह विपक्षी बल्लेबाज को परेशान कर सकते हैं। यह सिर्फ एक मैच में उनके विफल होने की बात है। विश्वास कीजिए, वह रोबोट नहीं हैं। आप एक खिलाड़ी से हर मैच में बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद कर उस पर दबाव नहीं डाल सकते।"
भारत के पूर्व दिग्गज स्पिनर ईरापल्ली प्रसन्ना ने भी मुरलीधरन की बात को दोहराया है और कहा है कि एक मैच कुछ बदल नहीं देता।
उन्होंने कहा, "उन्होंने कितने मैच खेले हैं? लगभग 50 (41)? क्या आप मुझसे कह रहे हैं कि उन्होंने अपने देश के लिए इतने वनडे ऐसे ही खेल लिए? हमें उनके साथ धैर्य रखना होगा। मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ी बीते वर्षो में लेग स्पिन के अच्छे बल्लेबाज बन गए हैं। चहल के पास योग्यता है और उन्होंने इस बात को साबित भी किया है।"
प्रसन्ना से जब पूछा गया की जाम्पा ने चहल की तुलना में अच्छा प्रदर्शन किया है, इसके पीछे क्या वजह वह देखते हैं? इस पर पूर्व ऑफ स्पिनर ने पलटकर पूछा, "जाम्पा ने विकेट ले लिए, सिर्फ इसलिए चहल पर सवाल उठे? मुझे नहीं लगता कि यह सही है क्योंकि उन्होंने इस सीरीज में सिर्फ एक मैच खेला है।"
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