एमएसके प्रसाद ने इंजीनियर की टिप्पणी पर कहा, तुच्छ बातों में उलझकर परपीड़ा सुख लेना
चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने पूर्व विकेटकीपर फारूख इंजीनियर की ‘तुच्छ बातों में उलझकर परपीड़ा सुख लेने’ की आलोचना की।
दिल्ली। चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने पूर्व विकेटकीपर फारूख इंजीनियर की ‘तुच्छ बातों में उलझकर परपीड़ा सुख लेने’ की आलोचना की। इंजीनियर ने टिप्पणी की थी कि चयनकर्ताओं में से एक ने भारतीय कप्तान विराट कोहली की पत्नी अनुष्का शर्मा को विश्व कप के दौरान चाय परोसी थी। गुस्साये प्रसाद ने पीटीआई से कहा, ‘‘मुझे उस व्यक्ति के लिये दुख होता है जो घटिया बातों में उलझकर परपीड़ा सुख लेता है, जिससे वह झूठे और तुच्छ आरोपों के माध्यम से भारतीय कप्तान की पत्नी और चयनकर्ताओं का अपमान और अनादर कर रहा है। ’’
प्रसाद ने कहा, ‘‘यह नहीं भूलना चाहिए कि इस चयन समिति को बीसीसीआई ने आम सालाना बैठक में उचित प्रक्रिया से नियुक्त किया है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘82 साल के व्यक्ति को परिपक्वता दिखानी चाहिए और भारतीय क्रिकेट के अपने दौर से आज तक हुई प्रगति का लुत्फ उठाना चाहिए। ’’
उल्लेखनीय है कि, अनुष्का ने फारुख इंजीनियर को लताड़ते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली थी। अनुष्का ने जवाब देते हुए कहा,"मेरी हमेशा से ही झूठी खबरों पर चुप्पी रखने की राय रही है और मैंने इसी तरह अपने 11 साल लंबे करियर को हैंडल किया है। मैंने हमेशा से ही अपनी चुप्पी में सच छिपा कर रखा है। लोग एक झूठ को बार-बार कहकर सच की तरह बना देते हैं और मैं ये सोचती थी कि मेरे साथ ये क्या हो रहा है। लेकिन आज ये सब खत्म होने जा रहा है।"
इतना ही नहीं पत्र में अनुष्का ने आगे कहा, "मेरे बारे में कहा जा रहा है कि मैं हमेशा टीम इंडिया के साथ रहती हूं और चयनकर्ताओं के फैसलों को प्रभावित करती हूं।"
फारुख के बयान पर अनुष्का ने कहा, "कहा ये भी जाता है कि बोर्ड हम मैच की टिकट और सिक्योरिटी के लिए मेरा खर्चा उठाता है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। मैं मैच और फ्लाइट के लिए अपने टिकट खुद खरीदती हूं। मैंने टीम के साथ फोटों खिंचवाने के लिए हाई कमिशनर की पत्नी से भी इजाजत मांगी थी। कहा जा रहा था कि मैं वहां जान कर गई थी, लेकिन मुझे इसके लिए निमंत्रण प्राप्त हुआ था।"
बार-बार अपने नाम को भारतीय क्रिकेट के साथ आने पर अनुष्का ने कहा, "हाल ही में मेरे पर इलजाम लगाए गए हैं कि वर्ल्ड कप के दौरान चयनकर्ताओं ने मुझे चाय पिलाई थी, लेकिन मैं वहां एक मैच देखने गई थी उस दौरान मैं फैमिली बॉक्स में बैठी थी ना कि चयनकर्ताओं के साथ। अगर आपको सिलेक्शन कमिटी पर सवाल उठाने है तो कृप्या मेरा नाम बीच में ना घसीटें।"
इस पत्र के अंत में अनुष्का ने कहा, "इस तरह की स्टोरी कोई पहली बार नहीं है। कई बार से ऐसा होता आ रहा है की जब बार-बार टीम के चयन के बीच में मेरा नाम सामने लाया जा रहा है। मैं इस तरह की मनगढंत कहानियों से तंग आ चुकी थी। जिसके चलते आज मैंने खुलकर बोलने का फैसला किया और अपनी बात को सामने रखा। मेरा इन सबसे कोई लेना देना नहीं है। अगली बार कुछ फैक्ट लेकर ही बोलें।"
इतना ही नहीं अनुष्का ने अंत में खुलासा करते हुए ये भी कहा कि वो चाय नहीं बल्कि कॉफ़ी पीती हैं।
वहीं 82 साल के फारुख इंजीनियर ने आगे कहा कि चयनकर्ता का पद बड़े नामों को मिलना चाहिए। एमएसके प्रसाद से पहले संदीप पाटिल, श्रीकांत और दिलीप वेंगसरकर जैसे बड़े नाम भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता थे। ये सभी खिलाड़ी 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा थे।