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Hindi News खेल क्रिकेट तो जा सकती है मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद की नौकरी! पांच सदस्यीय होगा नया पैनल

तो जा सकती है मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद की नौकरी! पांच सदस्यीय होगा नया पैनल

उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार बीसीसीआई के नये संविधान को औपचारिक तौर पर अपनाये जाने और चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद एमएसके प्रसाद की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय चयनसमिति का कार्यकाल बढ़ने की संभावना नहीं है।

एमएसके प्रसाद- India TV Hindi Image Source : GETTY एमएसके प्रसाद

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार बीसीसीआई के नये संविधान को औपचारिक तौर पर अपनाये जाने और चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद एमएसके प्रसाद की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय चयनसमिति का कार्यकाल बढ़ने की संभावना नहीं है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली उच्चतम न्यायालय की पीठ ने आज सीनियर, जूनियर और महिलाओं के लिये फिर से पांच सदस्यीय चयनसमिति के पुराने ढांचे को अपनाने का फैसला दिया। इस पीठ में न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूढ़ भी शामिल थे। 

इसके अलावा विवादास्पद योग्यता प्रावधान (केवल टेस्ट क्रिकेटर) भी हटा दिया गया है तथा नयी शर्तों के अनुसार सात टेस्ट, दस वनडे या 30 प्रथम श्रेणी मैच खेलने वाला क्रिकेटर भी चयनकर्ता बन सकता है। 

उच्चतम न्यायालय के आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि प्रसाद और उनके साथी शरणदीप सिंह और देवांग गांधी का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाएगा तथा क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) नये पैनल के गठन में भूमिका निभाएगा। नया पैनल पांच सदस्यीय होगा। 

शीर्ष अदालत के आदेश में कहा गया है, ‘‘बीसीसीआई के चुनाव होने तक सीओए को क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) जिसमें नामी पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं, से परामर्श करके नयी चयनसमिति का गठन करने का अधिकार होगा।’’ 

जब बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने पुष्टि की कि प्रसाद और साथी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक ही अपने पद पर रहेंगे। 

अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘‘वे चुनाव पूरे होने तक अपने पद पर रहेंगे। लोढ़ा सुधारों पर आधारित नये संविधान के अनुसार बीसीसीआई की शीर्ष परिषद के गठन के बाद वर्तमान चयनकर्ताओं का कार्यकाल बढ़ाये जाने की बहुत कम संभावना है।’’ वर्तमान चयनकर्ताओं की नियुक्ति पुराने संविधान के अनुसार की गयी थी और आज के आदेश के बाद स्पष्ट है कि नये संविधान को अपनाये जाने के बाद वे अपने पद पर नहीं बने रहेंगे। 

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