'शून्य से शिखर' तक पहुंचने वाले धोनी ने आज ही के दिन इंटरनेशनल क्रिकेट में रखा था कदम
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने आज ही के दिन इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना पहला मैच खेला था।
23 दिसंबर 2004, आज से 16 साल पहले भारतीय टीम को शिखर पर पहुंचाने वाले पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह ने इंटनेशनल क्रिकेट में अपना डेब्यू किया था। बांग्लादेश के खिलाफ डेब्यू करने वाले धोनी के लिए उनका पहला मैच कुछ खास नहीं रहा। विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी में दोनों में ही वह खाली हाथ मैदान से लौटे और अपने पहले मैच में ही उन्होंने शून्य के साथ शुरुआत की।
रांची जैसे छोटे शहर से निकलर धोनी ने कड़ी मेहनत के बाद टीम इंडिया में एंट्री पाई थी लेकिन डेब्यू मैच को लेकर जैसी उनकी उम्मीद रही होगी वैसा कुछ नहीं हो पाया।
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धोनी को इस मैच में सातवें नंबर बल्लेबाजी का मौका मिला था लेकिन वह पहली ही गेंद खेलकर रन आउट हो गए। डेब्यू मैच में भला कौन सा क्रिकेटर शून्य पर आउट होना चाहता है। हालांकि इसके बावजूद वह मुस्कुराते हुए चेहरे को लेकर दिल में गुबार के साथ ड्रेसिंग रूम में लौट आए।
अब बारी थी विकेटकीपिंग में कुछ कर दिखाने की, लेकिन दुर्भाग्य से इस मैच में बांग्लादेश का एक भी खिलाड़ी विकेट के पीछे आउट नहीं हुआ। इस तरह बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग दोनों में धोनी को अपने डेब्यू मैच में निराशा हाथ लगी। हालांकि धोनी को सीरीज के बाकी बचे मैच में भी खेलने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने 7 और 3 रन बनाए।
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इसके बाद साल 2005 में 6 वनडे मैचों की सीरीज के लिए पाकिस्तान की टीम भारत दौरे पर आई। पहले ही मैच में ही भारतीय टीम को पाकिस्तान ने करारी मात दी। धोनी भी टीम इंडिया का हिस्सा थे। सीरीज का दूसरा मैच विशाखापट्नम में खेला गया। 0-1 से पिछड़ रही भारतीय टीम ने बल्लेबाजी क्रम में बदलाव किया और धोनी को नंबर तीन पर भेजा गया गया। फिर क्या था उस दिन धोनी ने अपना असली रंग दिखाया और पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने 123 गेंद में 148 रनों की तूफानी पारी खेली।
इस पारी के दौरान उन्होंने 15 चौके और 4 दनदनाते हुए छक्के भी लगाए। इसके बाद से धोनी ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वह टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में अहम सदस्य बन बन गए।
इसके बाद साल 2007 में धोनी को भारतीय टी-20 टीम कप्तान बनाया गया और उन्होंने अपनी कप्तानी में टीम को टी-20 विश्व कप का खिताब दिलाया। टी-20 के बाद धोनी ने वनडे और टेस्ट में भी कप्तानी की और साल 2011 में टीम को 50 ओवर क्रिकेट में टीम इंडिया को विश्व कप की ट्रॉफी दिलाई।
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एक दशक से भी अधिक समय तक टीम इंडिया के लिए खेलने वाले धोनी ने इसी साल 15 अगस्त को इंटरनेशन क्रिकेट से संन्यास का एलान किया। हालांकि वह इंडियन प्रीमियर लीग में खेलना जारी रखे हुए हैं।
धोनी भारत के लिए 90 टेस्ट, 350 वनडे और 98 टी-20 मैचों में प्रतिनिधित्व किया। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 4876 रन बनाए जिसमें 33 अर्द्धशतक और 6 शतक शामिल है। वहीं वनडे में 73 अर्द्धशतक और 10 शतक के साथ 10773 रन अपने नाम किए, जबकि टी-20 में धोनी ने 1617 रन बनाए।