12 साल से टीम इंडिया की कप्तानी कर रही मिताली राज, 34 साल की उम्र में भी हैं सिंगल, क्रिकेट के साथ डांसिग है पहला प्यार
मिताली राज जो आज क्रिकेट के क्षेत्र में पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है, उन्होनें अपने बल्लेबाजी के जादू से सभी क्रिकेट दर्शकों को अपना दीवाना बना रखा है।
नई दिल्ली: महिला विश्वकप 2017 में टीम इंडिया लगातार तीन मैच जीत चुकी है और इस बार चौथे खिताब की प्रबल दावेदार है। इस सफलता में टीम की कप्तान मिताली राज का बेहद महत्वपूर्ण योगदान है। क्रिकेट को बेहद पसंद करने वाली मिताली राज की सफलता की कहानी में कई रोमांचक मोड़ है। हाल ही में वे वनडे मैचों में सात बार लगातार 50 अर्धशतक लगाने का रिकार्ड बनाकर चर्चा में हैं और अपनी सक्सेस पर उनका कहना है कि वो बैंटिंग पर जाने से पहले किताब पढ़ती है जो उनकी बहुत मदद करता है। मिताली को कूल कैप्टन माना जाता है और महिला टीम के खिलाडियों में जीत का जज्बा भरने में उनकी भूमिका बेहद खास है।
मिताली राज जो आज क्रिकेट के क्षेत्र में पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है, उन्होनें अपने बल्लेबाजी के जादू से सभी क्रिकेट दर्शकों को अपना दीवाना बना रखा है और बनाए भी क्यों ना मिताली राज ने अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट में आज तक का सर्वाधिक स्कोर 214 रन बना कर कीर्तिमान स्थापित किया है। वर्तमान समय में वह भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान होने के साथ ही टेस्ट क्रिकेट मैच में दोहरा शतक बनाने वाली पहली भारतीय महिला भी हैं।
12 साल से टीम इंडिया की कप्तान
34 साल की मिताली पिछले 12 साल से भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान है। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होनें कहा कि केवल अपने पेरेंट्स की खुशी के लिए उन्होनें क्रिकेट की शुरुआत की थी, जबकि उनका पहला प्यार भरतनाटय्म ही था।
पिता का सपना पूरा करने के लिए क्रिकेटर बनीं
मिताली साढ़े पांच हजार रन बनाने वाली दूसरी महिला क्रिकेटर हैं इसके अलावा 2013 में वह दुनिया की नंबर वन वनडे क्रिकेटर थी। मिताली को खेल में अच्छे प्रदर्शन के लिए भारत सरकार द्वारा अर्जुन अवॉर्ड मिल चुका है। मिताली ने बचपन से ही क्लासिकल डांस सीखना शुरू कर दिया था क्योंकि वे एक तमिल परिवार से थी। 10 साल की उम्र तक मिताली भरतनाट्यम में पारंगत हो चुकी थीं तथा नृत्य में ही अपना करियर बनाना चाहती थी लेकिन उनके पिता ने उनके हाथों में बल्ला पकड़ा दिया था। मिताली के पिता चाहते थे कि वह बड़े होकर एक महान क्रिकेटर बनें।
मिताली की सफलता में मां का बड़ा योगदान,बेटी के सपनो को पूरा करने के लिए मां ने नौकरी छोड़ी
मिताली की मां पहले क्रिकेट खेल चुकी थी। मिताली के माता-पिता उनके क्रिकेट को लेकर कॉफी सपोर्टिव थे। उनकी मां ने अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी थी। मिताली कहती है कि उन्होनें इससे पहले एक बार सिविल सर्विस में भी अपना करियर बनाने का सोचा था परन्तु वे उसमें कामयाब नहीं रही।
34 साल की मिताली आज भी है सिंगल,ब्रेक अप के बाद क्रिकेट ही सबकुछ
मिताली ने यह भी बताया कि कुछ समय पहले वह एक रिलेशनशिप में भी थी लेकिन ब्रेकअप के बाद वह अब क्रिकेट में ही फोकस करना चाहती हैं। मिताली पहली महिला क्रिकेटर हैं, जिन्हें भारत के राष्ट्रपति प्रनब मुखर्जी के हाथों विजडन इंडिया क्रिकेटर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। वह तकरीबन 21 साल की उम्र से ही भारतीय क्रिकेट टीम की कमान संभाल रही है। साल 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होनें 214 रन की पारी खेली थी। इसके अलावा मिताली के नाम अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट में सबसे बड़े उच्च स्कोर का रिकॉर्ड भी है।
आईसीसी महिला वर्ल्ड कप में भारत और पाकिस्तान की टीम आमने-सामने रही। यह भारत की महिला टीम की कप्तान मिताली राज का पांचवां वर्ल्ड कप था, जिसमें भारत ने पाकिस्तान की टीम को 95 रनों से हराकर विश्व कप में भारत को लगातार तीसरी जीत दिलवाई।(महिला विश्व कप: बरकरार रहा न हारने का रिकॉर्ड, भारत ने पाकिस्तान को धोया)