यूनिस खान को कप्तानी से हटाने के 'मास्टर माइंड' थे मिस्बाह उल हक, पूर्व कप्तान ने अब कही ये बात
यूनिस ने कहा ''मैं ईमानदारी से कहूं तो मुझे पूरी पिक्चर नहीं पता, लेकिन मैं मिसबाह उल हक के साथ चलता रहा। हम दोनों साथ खेल रहे थे।"
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने हाल ही में अपने पूर्व कप्तान यूनिस खान को इंग्लैंड दौरे के लिए बल्लेबाजी कोच न्युक्त किया है। टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार से अधिक रन बनाने वाला ये खिलाड़ी पाकिस्तान क्रिकेट टीम से एक बार फिर जुड़कर काफी खुश है। टीम की नई जिम्मेदारी मिलने पर यूनिस ने एक वीडियो कॉन्फ्रेस में हिस्सा लिया जिसमें उन्होंने अतीत में मिस्बाह उल हक के साथ हुए कुछ विवादों पर जवाब दिए।
कुछ समय पहले पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मोहम्मद यूसुफ ने बताया था कि 2009 में खिलाड़ियों का एक समूह यूनिस खान की कप्तानी का विरोध करने लगा था जिसके मास्टर माइंड मिस्बाह उल हक ही थी। यूनिस खान ने इस विवाद पर जवाब देते हुए कहा "जो बीत गया वो बीत गया।"
यूनिस ने कहा ''मैं ईमानदारी से कहूं तो मुझे पूरी पिक्चर नहीं पता, लेकिन मैं मिसबाह उल हक के साथ चलता रहा। हम दोनों साथ खेल रहे थे। वह कप्तान थे और उन्होंने अच्छा परफॉर्म किया। वेस्टइंडीज में पहली बार पाकिस्तान ने 2017 में टेस्ट सीरीज जीती और इसी सीरीज में हम दोनों ने संन्यास ले लिया। मैं एक टीममेट के रूप में मिसबाह के साथ ड्रेसिंग रूम में शेयर करना चाहता था, जो अतीत में हुआ वह बात खत्म हो गई है। मैं उससे आगे बढ़ गया हूं। मैं खुश हूं कि मिसबाह ने प्रमुख कोच रहते मुझे आगे बढ़ाया।''
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पाकिस्तान के इंग्लैंड दौरे के बारे में बात करते हुए यूनिस ने कहा ''यह सीरीज महत्वपूर्ण है खासकर मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए। पूरी दुनिया दो टॉप देशों के बीच इस सीरीज को देखेगा। इंग्लैंड दौरा हमारे लिए हमेशा अहम रहा है। कोविड 19 के बाद क्रिकेट में की तरफ लौटना मुश्किल होगा।''
यूनिस ने आगे कहा ''खिलाड़ियों के लिए पुरानी आदतों पर लौटना आसान नहीं होगा। सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का बसों, ट्रेनों और ड्रेसिंग रूम में पालना करना भी आसान नहीं होगा। मुझे लगता है सपोर्टिंग स्टाफ की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी। नेशनल टीम के साथ होना खुशी की बात है। मेरे लिए यह नई भूमिका है। पाकिस्तानी टीम अजहर अली और असद शफीक के अलावा युवा टीम है। मुझे जावेद मियांदाद और बॉब वूल्मर जैसे कोचों से बहुत कुछ सीखना पड़ेगा। बॉब महान कोच थे। वह खिलाड़ियों को स्पेस देते थे और हमें अधिक उपयोगी बनाते थे। मुझे भी यह सीखना होगा।''