वेस्टइंडीज के अपने जमाने के दिग्गज तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग ने कोविड-19 महामारी से उबरने के बाद क्रिकेट गेंद को चमकाने के लिये कृत्रिम पदार्थ का उपयोग करने पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि वह नहीं जानते कि यह कैसे काम करेगा। ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बहाली पर गेंद को चमकाने के लिये लार का उपयोग करना बंद किया जा सकता है ताकि संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सके।
होल्डिंग ने कहा कि गेंद को चमकाने के लिये लार या पसीने का उपयोग करना गेंदबाजों की स्वाभाविक प्रवृति है। उन्होंने ‘सोनी टेन पिट स्टॉप’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘यह (गेंदबाजों के लिये) मुश्किल होगा। किसी भी गेंदबाज की यह स्वाभाविक प्रवृति होती है कि एक बार गेंद हाथ में आने पर वह उस पर लार या पसीना लगाता है। यह स्वभाविक है। ’’
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ऑस्ट्रेलियाई गेंद निर्माता कंपनी कूकाबुरा गेंद को चमकाने के लिये कृत्रिम पदार्थ तैयार करने में लगा है, लेकिन होल्डिंग ने कहा कि यह गेंदबाजों के लिये एक बुरा सपना बन सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर एक समय के बाद आप सीख जाओगे और इससे सामंजस्य बिठाओगे। मैंने सुना है कि किसी तरह की पॉलिश का उत्पादन किया जा रहा है जो अंपायरों के पास रहेगी और आपको अंपायर के सामने गेंद चमकानी होगी। ईमानदारी से कहूं तो मैं नहीं जानता कि यह कैसे काम करेगा। ’’
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होल्डिंग ने कहा, ‘‘यह किस तरह की पॉलिश होगी। यह ऐसी पॉलिश होगी जो उंगलियों पर चिपक जाए। क्या इसमें फिसलन होगी। अगर इसमें फिसलन होती है तो आप नहीं चाहोगे कि आपकी उंगलियों में फिसलन हो क्योंकि इससे गेंद पर ग्रिप बनाने में मुश्किल होगी। मैं इन सब चीजों के बारे में जानने का इंतजार कर रहा हूं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह अलग तरह की दुनिया होगी और जहां तक मुझे लगता है कि इनके साथ आगे बढ़ना वास्तव में दु:स्वप्न होगा। ’’
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