मुंबई। मुंबई क्रिकेट संघ ने शुक्रवार को भारत के दो महान क्रिकेटरों सुनील गावस्कर और दिलीप वेंगसरकर को यहां वानखेड़े स्टेडियम पर आयोजित एक कार्यक्रम में सम्मानित किया। एमसीए ने 72 वर्ष के गावस्कर को उनके नाम पर रखा हॉस्पिटेलिटी बॉक्स सौंपा। गावस्कर ने छह मार्च 1971 को वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट आफ स्पेन में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था।
भारत के पूर्व कप्तान और 125 टेस्ट खेल चुके गावस्कर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इसी साल 50 वर्ष पूरे किये हैं। इस मौके पर एमसीए ने राष्ट्रीय चयन समिति के पूर्व प्रमुख और 116 टेस्ट खेल चुके वेंगसरकर के नाम पर ‘दिलीप वेंगसरकर स्टैंड’ का भी उद्घाटन किया। इस मौके पर गावस्कर और वेंगसरकर दोनों मौजूद थे। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज और गावस्कर के जीजा गुंडप्पा विश्वनाथ , चैम्पियन बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर, आईसीसी, बीसीसीआई और एमसीए के पूर्व प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एमसीए के सीनियर पदाधिकारी मौजूद थे ।
विश्वनाथ ने अपने भाषण में गावस्कर और वेंगसरकर की तारीफ की और दोनों के साथ अपनी यादों को ताजा किया। एमसीए ने इस मौके पर ‘माधव मंत्री शताब्दी वर्ष समारोहों’ की भी शुरूआत की । तेंदुलकर ने 1987 विश्व कप में सुनील गावस्कर से पहली मुलाकात को याद किया जब वह वानखेड़े स्टेडियम पर बॉल ब्वाय थे। उन्होंने कहा ,‘‘ जब मैं पहली बार रणजी ट्रॉफी संभावितों में चुना गया तो गावस्कर का नाम सूची में था और मैं उनके साथ खेलने को लेकर उत्साहित था लेकिन वह सपना अधूरा रह गया।’’
उन्होंने बताया कि दिवंगत वासु परांजपे की वजह से वह पहले दिलीप वेंगसरकर से मिले जिन्होंने कपिल देव से उन्हें गेंद डालने को कहा। तेंदुलकर ने याद किया कि 1991 रणजी फाइनल में मुंबई के हारने के बाद उन्होंने वेंगसरकर की आंख में आंसू देखे। उन्होंने कहा ,‘‘ यह स्टैंड उन आंसुओं का सम्मान है।’’
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