‘कठोर स्वभाव’ के कारण आलोचना झेल रहे आईसीसी के मुख्य कार्यकारी मनु साहनी आईसीसी की अनुशासन समिति के समक्ष सुनवाई के लिये नहीं पहुंचे। प्राइस वाटरहाउस कूपर्स ने आंतरिक आडिट में उन्हें दोषी पाया जिसके बाद उनका इस पद पर बने रहना अब मुश्किल लग रहा है।
आईसीसी सदस्य बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने बताया ,‘‘ मनु आईसीसी की अनुशासन समिति के समक्ष सुनवाई के लिये नहीं पहुंचे। उन्हें इसका वैधानिक अधिकार था। अब बोर्ड उनके भविष्य पर फैसला लेगा। वैसे उन्हें बोर्ड में किसी का समर्थन नहीं है या नहीं के बराबर समर्थन है।’’
साहनी को अनिश्चितकाल के लिये छुट्टी पर भेज दिया गया था। दुबई स्थित आईसीसी मुख्यालय पर अधिकांश स्टाफ ने उनके बर्ताव को ‘अस्वीकार्य ’ बताया था। बोर्ड की बैठक 30 और 31 मार्च को होनी है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सचिव जय शाह ने मुख्य कार्यकारियों की बैठक में ‘साफ्ट सिगनल’ का मसला उठाया।
उन्होंने भारत और इंग्लैंड के बीच टी20 सीरीज में अंपायरों के ‘सॉफ्ट सिगनल’ को लेकर पैदा हुई गलतफहमियों पर बीसीसीआई का ऐतराज व्यक्त किया। भारतीय कप्तान विराट कोहली ‘अंपायर्स कॉल’ पर नाराजगी जता चुके हैं।
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