धीमी पड़ गई मलिंगा की रफ्तार, अब लेंगे क्रिकेट से संन्यास !
चौथे वनडे मैच में हार के बाद श्रीलंकाई कप्तान लसिथ मलिंगा बेहद निराश नजर आए। मैच के बाद मलिंगा ने कहा है कि वह भारत के खिलाफ मौजूदा वनडे सिरीज़ के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने भविष्य पर बड़ा फैसला लेंगे।
नई दिल्ली: भारत और श्रीलंका के बीच जारी 5 मैचों की वनडे सिरीज़ के चौथे वनडे मैच में श्रीलंकाई कप्तान लसिथ मलिंगा अपनी टीम की हार से बेहद निराश नजर आए। चौथे वनडे में श्रीलंका को 168 रन से हार का सामना करना पड़ा। मैच के बाद लसिथ मलिंगा ने कहा है कि वह भारत के खिलाफ मौजूदा वनडे सिरीज़ के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने भविष्य पर फैसला करेंगे। मलिंगा ने कहा,‘‘मैं पैर की चोट के कारण 19 महीने बाद खेल रहा हूं। ज़िम्बाब्वे और भारत के खिलाफ सिरीज़ में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका। मुझे देखना होगा कि इस सिरीज़ के बाद क्या स्थिति है। अगर मैं टीम के लिये मैच नहीं जीत पाता हूं तो खेलते रहने की कोई जरूरत नहीं है। देखना है कि उन 19 महीने की भरपाई करके फिर पुरानी फॉर्म हासिल कर पाता हूं या नहीं।’’
पिछले 2 साल में प्रदर्शन में आई गिरावट
गौरलतब है कि लसिथ मलिंगा पिछले लंबे से खराब फॉर्म और फिटनेस की समस्या से जूझ रहे हैं। 2016 में तो मलिंगा चोट की वजह से ज्यादातर समय इंटरनेश्नल क्रिकेट से दूर ही रहे। मलिंगा के पिछले 2 साल के वनडे करियर पर नजर डालें तो उन्होंने पिछले 2 साल में सिर्फ 15 वनडे खेले हैं। जिसमें उन्होंने 53.38 की औसत से रन खर्च करते हुए सिर्फ 13 विकेट हासिल किए हैं। इस दौरान उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 43 रन देकर 2 विकेट रहा है। भारत के खिलाफ मौजूदा सिरीज़ के 4 वनडे मैचों में मलिंगा को सिर्फ 1 विकेट मिले हैं। जबकि इससे पहले ज़िम्बाब्वे जैसी कमजोर टीम के खिलाफ भी मलिंगा अपना प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे। ज़िम्बाब्वे के खिलाफ 5 वनडे मैचों में मलिंगा ने सिर्फ 4 विकेट लिए थे। ज़ाहिर है ये आंकड़ें मलिंगा की प्रतिभा से न्याय करते हुए नजर नहीं आते।
मलिंगा थे डेथ ओवर स्पेशलिस्ट
सिरीज़ के चौथे वनडे मैच में विराट कोहली का आउट करते ही मलिंगा ने वनडे क्रिकेट में 300 विकेट लेने का कारनामा किया था। कभी दुनिया के टॉप गेंदबाजों में शुमार रहे मलिंगा ने श्रीलंका के लिए 203 वनडे मैचों में 300 विकेट चटकाए हैं। मलिंगा को डेथ ओवर्स स्पेशलिस्ट भी कहा जाता था। वो आखिरी के ओवरों में बल्लेबाजों को रनों के लिए तरसा देते थे। एक दौर था जब उनकी यॉर्कर सीधे मिडिल स्टंप को उड़ा देती थी और बल्लेबाजों के लिए खौफ का दूसरा नाम बन चुके थे। लेकिन अब चोट की समस्या और बढ़ती उम्र की वजह से उनकी रफ्तार धीमी पड़ गई। जिसकी वजह से वो अब पहले खतरनाक नहीं रहे और बल्लेबाजों को मलिंगा खेलने में कोई परेशानी नहीं होती।