कुंबले कोहली की इस बात से रह गए दंग और दे डाला इस्तीफ़ा
टीम इंडिया के कोच रहे अनिल कुंबले के इस्तीफे से ऐसा नहीं कि सब लोग दंग रह गए क्योंकि ख़ुद कुंबले कप्तान विराट कोहली के रवैये से स्तब्ध रह गए थे।
नयी दिल्ली: टीम इंडिया के कोच रहे अनिल कुंबले के इस्तीफे से ऐसा नहीं कि सब लोग दंग रह गए क्योंकि ख़ुद कुंबले कप्तान विराट कोहली के रवैये से स्तब्ध रह गए थे। ये बात कुंबले ने BCCI को लिखे पत्र में स्वीकार भी की है।
अनिल कुंबले ने पत्र में स्वीकार किया है कि भारत के मुख्य कोच पद से इस्तीफा देने का कारण कप्तान विराट कोहली के साथ मतभेद थे और उन्होंने दावा किया कि गलतफहमी सुलझाने के प्रयास के बावजूद उनकी साझेदारी अस्थिर हो गई थी।
बीसीसीआई को भेजे इस्तीफा पत्र में 46 साल के पूर्व भारतीय कप्तान कुंबले ने कहा है कि वह उस समय दंग रह गए थे जब उन्हें उनकी कोचिंग शैली को लेकर कोहली की आपत्ति के बारे में बताया गया था।
कुंबले ने इस्तीफा पत्र में लिखा, कल पहली बार बीसीसीआई ने मुझे बताया कि कप्तान को मेरी शैली और मुख्य कोच के रूप में बरकरार रहने को लेकर आपत्ति है। मैं हैरान था क्योंकि मैंने हमेशा कप्तान और कोच की भूमिका के बीच की सीमाओं का सम्मान किया है। उन्होंने कहा, बीसीसीआई ने हालांकि कप्तान और मेरे बीच गलतफहमी को दूर करने का प्रयास किया लेकिन यह स्पष्ट हो गया था कि साझेदारी अस्थिर हो गई है और इसलिए मेरा मानना था कि यह मेरे लिए बेहतर है कि मैं आगे बढ़ जाऊं।
चैम्पियंस ट्राफी फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ शर्मनाक हार के दो दिन बाद कुंबले ने मुख्य कोच का अपना पद छोड़ने का फैसला किया। उनका एक साल का अनुबंध चैम्पियंस ट्राफी के साथ ही समाप्त हो गया था लेकिन उन्हें शुक्रवार से शुरू हो रही सीमित ओवरों की सिरीज़ के लिये टीम के साथ वेस्टइंडीज दौरे पर जाने का विकल्प दिया गया था।
कुंबले ने हालांकि आईसीसी वार्षकि सम्मेलन के लिये लंदन में रुकने का फैसला किया है क्योंकि वह क्रिकेट समिति के चेयरमैन हैं जबकि भारतीय टीम बारबाडोस रवाना हो गयी।
कुंबले ने कहा, मैं एक बार फिर दोहरा दूं कि पिछले एक साल से मुख्य कोच के रूप में काम करना बेहद सम्मान की बात है। मैं हमेशा अपने देश की महान क्रिकेट परंपरा का शुभचिंतक रहूंगा।
टीम ने कुंबले के कोच रहते हुए अच्छा प्रदर्शन किया। उसने वेस्टइंडीज के खिलाफ उसकी सरजमीं पर 2-0 से श्रृंखला जीती और उसके बाद न्यूजीलैंड (3-0) , इंग्लैंड 4-0 ), बांग्लादेश (1-0) और आस्ट्रेलिया (2-1) को घरेलू श्रृंखला में हराया।
टीम ने इस 46 वर्षीय पूर्व कप्तान के कार्यकाल के दौरान आठ वनडे जीते और पांच गंवाये।