केपटाउन: आक्रामकता विराट कोहली बल्लेबाजी की पहचान है और भारतीय कप्तान विराट कोहली का कहना है कि यदि वही चली गई तो पता नहीं वह क्या करेंगे। कोहली ने अपने वनडे कैरियर का 34वां शतक जमाकर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे वनडे में भारत को 124 रन से जीत दिलाई।
कोहली ने मैच के बाद कहा,‘‘मैं इस साल 30 बरस का हो जाउंगा और 34- 35 की उम्र में भी इसी तरह खेलना चाहूंगा। यही वजह है कि मैं इतनी वर्जिश करता हूं क्योंकि मुझे आक्रामक क्रिकेट खेलना पसंद है। अगर यही नहीं रहा तो पता नहीं मैं मैदान पर क्या करूंगा। मैं इसे बचाकर रखना चाहता हूं। मैं कसरत करता हूं और अपनी खुराक पर नियंत्रण रखता हूं। टीम को जब जरूरत होती है, अपना योगदान देता हूं। एक खिलाड़ी को इस तरह के दिन का इंतजार होता है।’’
कोहली ने कहा कि उनका यह शतक खास है क्योंकि पूरी पारी में उन्होंने अपने खेल में बदलाव किया। उन्होंने कहा,‘‘अंतरराष्ट्रीय रन आसान नहीं होते। वे बड़ी मुश्किल से मिलते हैं ।आपको उनकी रफ्तार और उछाल के अनुरूप खेल में बदलाव करना होता है।’’
उन्होंने कहा,‘‘मुझे खुशी है कि मैं आखिर तक बल्लेबाजी कर सका क्योंकि 90 रन के आसपास थकान होने लगी थी। आप अपने शरीर को क्षमता से अधिक खींच सकते हैं जो आप आम तौर पर नहीं करते। मैंने आज वह महसूस किया। यह अद्भुत था।’’
फिटनेस समस्याओं से जूझ रही दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 6-0 से जीत भी संभव है लेकिन कोहली ने अभी इस बारे में कयास लगाने से इनकार किया। उन्होंने कहा,‘‘हम आत्ममुग्धता का शिकार होने से बचना चाहेंगे। आखिरी टेस्ट समेत हमने लगातार चार मैच जीते हैं और मुझे टीम पर गर्व है लेकिन काम अभी पूरा नहीं हुआ है।’’
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