विदेशों में पहला टेस्ट जीतने का मलतब, सीरीज जीत भी पक्की है! यकीन नहीं आता तो देखिए आंकड़े
भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में पहला टेस्ट मैच 31 रन से जीतकर चार मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त हासिल कर ली है।
नयी दिल्ली: विदेशों में पहला टेस्ट मैच जीतने पर भारत ने अब तक 14 में से 11 मौकों पर सीरीज भी अपने नाम की है और अब देखना यह है कि विराट कोहली की टीम ऑस्ट्रेलिया में इस प्रदर्शन को दोहराकर इतिहास रचने में सफल रहती है या नहीं। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में पहला टेस्ट मैच 31 रन से जीतकर चार मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त हासिल कर ली है। यह ऑस्ट्रेलियाई धरती पर पहला जबकि विदेशी मैदानों पर 15वां मौका है जबकि भारत ने सीरीज का पहला टेस्ट मैच जीता।
भारत ने अब तक ऐसे 11 मौकों पर सीरीज भी जीती है जबकि एक बार उसने सीरीज गंवायी और दो बार मेजबान टीम सीरीज बराबर कराने में सफल रही। भारत सिर्फ दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2006-07 में शुरुआती बढ़त का फायदा उठाने में नाकाम रहा था। राहुल द्रविड़ की अगुवाई वाली टीम ने तब जोहानिसबर्ग में पहला टेस्ट मैच 123 रन से जीता लेकिन इसके बाद वह डरबन में 174 रन और केपटाउन में पांच विकेट से हार गयी थी।
इसके अलावा 1976 में न्यूजीलैंड दौरे में भारत ने ऑकलैंड में पहला टेस्ट मैच आठ विकेट से जीता लेकिन कीवी टीम वेलिंगटन में तीसरा टेस्ट पारी और 33 रन से जीतकर सीरीज बराबर कराने में सफल रही थी। जिम्बाब्वे ने भी 2001 में दो मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर करायी थी। तब भारत ने बुलावायो में पहला टेस्ट आठ विकेट से जीता था।
इन दो मौकों को छोड़ दिया तो भारत ने हमेशा पहले टेस्ट मैच की जीत से मिले आत्मविश्वास को आगे भी भुनाया और सीरीज अपने नाम की। ऐसा पहला मौका 1968 में आया जब मंसूर अली खां पटौदी की टीम ने न्यूजीलैंड के खिलाफ ड्यूनेडिन में पहला टेस्ट पांच विकेट से जीता और फिर सीरीज 3-1 से अपने नाम की। भारत तब दूसरा मैच हार गया था लेकिन उसने वेलिंगटन और ऑकलैंड में अगले दो मैचों में जीत दर्ज की थी।
कपिल देव की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने 1986 में लॉर्ड्स में पहले टेस्ट मैच में पांच विकेट से जीत दर्ज की और फिर लीड्स में दूसरा मैच 279 रन से जीता। बर्मिंघम में तीसरा मैच ड्रॉ रहा और इस तरह से भारत ने यह सीरीज 2-0 से जीतकर नया इतिहास रचा।
भारत ने जिम्बाब्वे से 2005 में दो मैचों की सीरीज में 2-0 से क्लीन स्वीप किया जबकि बांग्लादेश को तीन अवसरों पर पहला टेस्ट मैच जीतने के बाद सीरीज में भी हराया। उसने न्यूजीलैंड से 2009 में हैमिल्टन टेस्ट दस विकेट से जीतने के बाद अगले दो मैच ड्रॉ कराये जबकि वेस्टइंडीज के खिलाफ 2011 में किंग्सटन में पहले टेस्ट मैच की जीत से मिली बढ़त को बरकरार रखा।
कोहली की अगुवाई में 2016 में भी भारत ने वेस्टइंडीज को कैरेबियाई धरती पर चार मैचों की सीरीज में 2-0 से हराया था। भारत ने तब नॉर्थ साउंड में पहला टेस्ट पारी और 92 रन से जीता था। भारत ने 2004 में पाकिस्तानी धरती पर भी बड़ी उपलब्धि हासिल की थी। मुल्तान में पहले टेस्ट मैच में वीरेंद्र सहवाग के रिकार्ड तिहरे शतक से भारत ने पाकिस्तान को पारी और 52 रन से हराया और आखिर में यह सीरीज 2-1 से जीती।
कोहली की कप्तानी में भारत ने 2017 में श्रीलंका को तीनों टेस्ट मैचों में हराकर क्लीन स्वीप किया। भारत ने गॉल में पहला टेस्ट 304 रन से जीता तथा इसके बाद कोलंबो और पल्लिकल में पारी के अंतर से जीत दर्ज की।
कोहली इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच जीतने वाले पहले भारतीय कप्तान बन गये हैं और अब अगर उनकी टीम बढ़त बरकरार रखने में सफल रहती है तो भारत पहली बार ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतकर नया इतिहास रचेगा। भारत को अगला मैच पर्थ में खेलना है जहां उसने 2008 में जीत दर्ज की थी।
भारतीय टीम ने मेलबर्न और सिडनी में भी जीत दर्ज की है 26 दिसंबर से दूसरा और तीन जनवरी से तीसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा। उसने मेलबर्न में 1977-78 और फिर 1981 में जीत दर्ज की थी जबकि सिडनी में उसने एकमात्र जीत जनवरी 1978 में हासिल की थी।