कप्तान कोहली ने खोला राज़, इसलिए श्रीलंका के साथ सिरीज़ में बाउंसी पिचें बनवाई
शुक्रवार से सिरीज़ का दूसरा मैच शुरु होने जा रहा है और इस मौक़े पर कोहली ने पिच को लेकर राज़ खोला है.
नागपुर: स्पिनर टीम इंडिया की ताक़त रहे हैं तब ख़ासकर जब सिरीज़ घर में हो रही हो. लेकिन कोलकता में पिच जिस तरह से खेली उसे देखकर सभी को हैरानी हुई. पिच पर न सिर्फ़ घास थी बल्कि पांचवें दिन भी पिच में अच्छा ख़ासा उछाल था. भारत की पहली पारी 172 के स्कोर पर ही सिमट गई थी और अगर दूसरी पारी में कप्तान विराट कोहली ने शतक न लगाया होता तो इंडिया के हाथ से मैच खिसक भी सकता था.
शुक्रवार से सिरीज़ का दूसरा मैच शुरु होने जा रहा है और इस मौक़े पर कोहली ने पिच को लेकर राज़ खोला है. कोहली ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका दौरे की तैयारी के लिये अधिक समय नहीं होने के कारण टीम प्रबंधन के पास श्रीलंका के खिलाफ मौजूदा सिरीज़ में उछालभरी पिचें बनाने का अनुरोध करने के सिवाय कोई चारा नहीं था.
यह पूछने पर कि क्या उन्होंने उछालभरी पिचों की मांग की थी, कोहली ने कहा,‘‘ हां क्योंकि इस सिरीज़ के खत्म होने के दो दिन बाद हमें दक्षिण अफ्रीका रवाना होना है. हमारे पास उस दौरे पर मिलने वाली पिचों की तरह यहां भी वैसी ही पिचों पर खेलने के अलावा कोई चारा नहीं था. हमें एक महीने का ब्रेक मिलता तो हम बेहतर तैयारी कर सकते थे लेकिन अब जो स्थिति है, उसी में तैयारी करनी होगी.’’
भारतीय टीम श्रीलंका के खिलाफ आखिरी वनडे 24 दिसंबर को खेलेगी जबकि 27 दिसंबर को उसे दक्षिण अफ्रीका रवाना होना है. कोहली ने कहा कि बड़ी सिरीज़ के लिये टीम को अलग तरीके से तैयारी करनी होती है लिहाज़ा दो सिरीज़ के बीच ब्रेक होना चाहिये. उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य में हमें इस पर ध्यान देना होगा क्योंकि हम विदेश दौरे पर टीम का आकलन करने लगते हैं लेकिन यह नहीं देखते कि तैयारी के लिये कितना समय हमें मिला.’’
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘टेस्ट मैचों के बाद नतीजे आने पर लोग खिलाड़ियों के बारे में आकलन करने लगते हैं । ऐसा नहीं होना चाहिये । यह भी देखना चाहिये कि हम जैसी तैयारी करना चाहते थे, हमें उसका मौका मिला या नहीं । हमें लगा कि आने वाली चुनौतियों का सामना करने की तैयारी के लिये यही मौका है ।’’
कोहली ने यह भी कहा कि विदेश दौरे पर रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा की अंतिम एकादश में जगह पक्की होने की वह गारंटी नहीं दे सकते क्योंकि वहां एक ही स्पिनर से काम चल जायेगा. ‘‘मैं विदेश दौरे पर इसकी सौ फीसदी गारंटी नहीं दे सकता कि हम दो स्पिनरों के साथ उतरेंगे. हमें टीम का संतुलन भी देखना होगा. ये दोनों अपनी बल्लेबाजी क्षमता के कारण टेस्ट मैच में अंतिम एकादश के दावेदार हैं लेकिन विरोधी बल्लेबाजों को भी देखना होगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह समझना होगा कि यदि बायें हाथ का कोई स्पिनर दाहिने हाथ के पांच बल्लेबाजों को गेंदबाजी कर रहा है या आफ स्पिनर चार खब्बू बल्लेबाजों को गेंद डाल रहा है. गेंद के एंगल से भी काफी फर्क हो जाता है और टेस्ट मैच में वह एक स्पैल भारी पड़ सकता है. ये छोटी छोटी बातें हैं जिनके आधार पर विदेश दौरे पर स्पिनर का चयन किया जायेगा.’’
जामथा पर 2008 में पहले टेस्ट के बाद से स्पिनरों ने 100 से ज्यादा विकेट लिये हैं लेकिन कल अंतिम एकादश चुनते समय इस पर ध्यान नहीं दिया जायेगा. कोहली ने कहा, ‘‘यह मायने नहीं रखता क्योंकि आपको यह भी देखना है कि आप किस तरह के विकेट पर खेल रहे हैं. पिछले रिकार्ड मायने नहीं रखते क्योंकि अब विकेट बदल चुके हैं.’