जानिए क्यों सौरव गांगुली ने कहा - 'राहुल द्रविड़ से आप युवराज सिंह जैसा काम नहीं ले सकते'
वर्तमान में बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने बातचीत में बताया कि एक बेहतर लीडर बनने के लिए आपके अंदर क्या गुण होने चाहिए।
भारतीय क्रिकेट में बदलाव के लिए जब भी किसी कप्तान को याद किया जाता है तो उसमें सबसे पहले सौरव गांगुली ( दादा ) का नाम आता है। जिन्होंने ना सिर्फ एक निडर टीम इंडिया का निर्माण किया बल्कि कई युवा खिलाडी जैसे युवराज सिंह, मोहम्मद कैफ, वीरेंद्र सहवाग, और महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ियों की काबिलियत को देखते हुए उन्हें भरपूर मौका दिया। गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया ने देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी लड़ना और जीतना सीखा। जिसके चलते सौरव गांगुली को हमेशा भारतीय क्रिकेट का एक सबसे सफल कप्तान माना जाता है।
इस तरह वर्तमान में बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने अनएकेडमी से बातचीत में बताया कि एक बेहतर लीडर बनने के लिए आपके अंदर क्या गुण होने चाहिए। गांगुली ने कहा, "एक बेस्ट लीडर हमेशा ही अपनी गलतियों से सीखता है और असफलता उसे आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। असफल होने पर हताश नहीं होना चाहिए और असफलता से मिली सीख ही आपको सफल बनाएगी।"
वहीं गांगुली ने आगे बताया कि वो क्रिकेटर्स के टेलेंट को पहचान और परखकर ही इस बात का निर्णय करते थे कि किस खिलाड़ी को क्या जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।
गांगुली ने कहा, "उन्होनें कभी किसी खिलाड़ी के नेचुरल गेम को बदलने की कोशिश नहीं की और इसी वजह से उनकी कप्तानी में कई बड़े खिलाड़ियों का जन्म हुआ, फिर चाहें वो युवराज सिंह हों या एमएस धोनी।"
जबकि आगे गांगुली ने युवराज और द्रविड़ का उदाहरण देते हुए कहा, "युवराज सिंह जैसा खिलाड़ी कभी राहुल द्रविड़ नहीं बन सकता, वहीं दूसरी तरफ राहुल द्रविड़ कभी युवराज सिंह नहीं बन सकते क्योंकि दोनों का स्वभाव बिल्कुल अलग है। जहां युवराज एक आक्रामक क्रिकेटर थे तो वहीं द्रविड़ शांत स्वभाव के थे।"
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गांगुली ने कहा, “एक कप्तान के तौर पर आप ऐसी आशा कतई नहीं कर सकते हैं कि युवराज सिंह जैसा खिलाड़ी राहुल द्रविड़ जैसा बर्ताव करे। युवराज सिंह एक आक्रामक खिलाड़ी के तौर पर जाने जाते थे तो वहीं द्रविड़ बेहद शांत किस्म के खिलाड़ी थे। किसी भी बड़े लीडर की सफलता की सबसे बड़ी कुंजी है उनकी अनुकूलनशीलता यानी वो किसी भी माहौल में खुद को एडजस्ट कर ले।“