4. ख़राब फ़ॉर्म के बावजूद पसंदीदा खिलाडियों पर ही भरोसा
धोनी अपने खिलाड़ियों पर भरोसा रखते हैं भले ही उनका फ़ॉर्म ख़राब हो। रोहित शर्मा इसका एक उदाहरण हैं। 2012-13 सीज़न में धोनी ने रोहित शर्मा का साथ दिया और ख़राब फ़ॉर्म के बावजूद उनसे पारी ओपन करवाई। खुशक़िस्मती से ऱोहित ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ खूब रन बना दिए और दोहरा शतक भी लगा दिया जिससे धोनी के आलोचकों का मुंह बंद हो गया।
लेकिन धोनी का रविंद्र जडेजा पर अति भरोसा काम नहीं आया। 2013 ICC Champions Trophy में जडेजा के शानदार प्रदर्शन के बाद फ़ॉर्म लगातार गिरता गया। लेकिन हैरानी की बात है कि उन्हें न्यूज़ीलैंड के दौरे पर अश्विन की जगह 11 में रखा गया। इस दौरे पर जडोजा ने क्या किया ये सबके सामने है। आलोचना के बावजूद धोनी जडेजा को खिलाते रहे लेकिन आख़िरकार उन्हें टीम से बाहर करना पड़ा। ये बात अलग है घरेलु क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन के बाद जडेजा को साउथ अफ़्रीका के खिलाफ़ पहले दो टेस्ट की टीम में रखा गया है।
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