2. भारत के बाहर टेस्ट जीतने में नाकामी
धोनी ने जब 2008 में अनिल कुंबले से कप्तानी ली तो उम्मीद थी कि वह वनडे की सफलता यहां भी दोहराएंगे। धोनी ने शुरु में ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और अन्य टीमों को घरेलु मैदान पर हराकर आशा भी बांद दी थी। यहां तक कि धोनी ने टीम इंडिया को टेस्ट में नंबर एक टीम भी बना दिया था जो इतिहास में पहली बार हुआ था। उन्होंने बतौर कप्तान सबसे ज़्यादा 21 टेस्ट जीतने वाले कप्तान गागुंली का रिकार्ड भी तोड़ दिया।
लेकिन 2011 के बाद सारा सीन बदल गया। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से 4-0 से शिकस्त के बाद साउथ अफ़्रीका और न्यूज़ीलैंड से भी हार का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ टेस्ट सीरीज़ के दौरान ही कप्तान बदलने की ख़बरे आने लगी थी लेकिन इसी बीच धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से सन्यास लेने की घोषणा कर दी और कोहली बन गए कप्तान।
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