विशेषज्ञों की नजर में केएल राहुल नहीं हैं लंबे समय के लिए विकेटकीपर का विकल्प
क्रिकेट विशेषज्ञ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे में बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग में शानदार योगदान देकर भारत को जीत दिलाने वाले लोकेश राहुल के लंबे समय तक विकेटकीपिंग करने के पक्ष में नहीं हैं।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में केएल राहुल ने बल्लेबाजी में शानदार प्रदर्शन किया। बल्लेबाजी के बाद राहुल ने फील्डिंग के दौरान विकेट के पीछे भी कमाल की फूर्ति दिखाई और पहले वनडे मैच में शतक लगाने के वाले ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एरॉन फिंच को स्ंटप आउट किया। इसके बाद अब राहुल की विकेटकीपिंग को लेकर क्रिकेट पंडित अगल-अलग तरह की भविष्यवाणियां करने लगे हैं।
ज्यादातर विशेषज्ञ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे में बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग में शानदार योगदान देकर भारत को जीत दिलाने वाले लोकेश राहुल के लंबे समय तक विकेटकीपिंग करने के पक्ष में नहीं हैं। टीम के नियमित विकेटकीपर ऋषभ पंत के चोटिल होने के बाद राजकोट में खेले गये वनडे में राहुल ने विकेटकीपर बल्लेबाज की भूमिका निभाई। इसके बाद उनकी तुलना दिग्गज राहुल द्रविड़ से की जाने लगी जिन्होंने 70 से अधिक वनडे मैचों में मध्यक्रम के बल्लेबाज और विकेटकीपर की भूमिका निभाई थी।
राहुल ने इस मुकाबले में 52 गेंद में 80 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली जिससे भारत ने बड़े स्कोर वाले इस मुकाबले को 36 रन से जीता। कर्नाटक के इस खिलाड़ी ने जसप्रीत बुमराह और नवदीप सैनी की गेंद पर कैच लपकने के साथ रविन्द्र जड़ेजा की गेंद पर शानदार स्टंपिंग कर आरोन फिंच की पारी का अंत किया। भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा का मानना है कि राहुल की विकेटकीपिंग राहुल द्रविड़ से बेहतर है।
उन्होंने कहा कि दांए हाथ के इस बल्लेबाज को हालांकि दोहरी जिम्मेदारी नहीं दी जानी चाहिए। चोपड़ा ने रविवार को यहां खेले जाने वाले निर्णायक वनडे की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘ लोकेश राहुल विकेटकीपिंग के मामले में द्रविड़ से बेहतर हैं लेकिन मैं नहीं चाहूंगा कि उन्हें नियमित तौर पर यह जिम्मेदारी दी जाए। यह नहीं होना चाहिए की वह 50 ओवर विकेटकीपिंग करें और फिर शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी करे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ अगर कोई बल्ले से अच्छा कर रहा है और वह टीम में कोई और योगदान दे सकता है तो इसका यह मतलब नहीं कि उसे विकेटकीपिंग भी करनी चाहिए। लोकेश राहुल एक विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में मेरे लिए बहुत कीमती हैं। इस तरह उसके कार्यभार को प्रबंधित करने के बजाय आप उसे बढ़ा रहे हैं।’’
चोपड़ा ने कहा, ‘‘कभी कभार जरूरत के मुताबिक या टीम संयोजन के लिए वह ऐसा करते हैं तो ठीक है लेकिन लंबे समय तक आपको उन्हें 10000 रन बनाने का मौका देना होगा। वह अगर विकेटकीपिंग करते हैं तो यह संभव नहीं होगा। ’’
सीरीज से पहले ऐसा लग रहा था कि पारी का अगाज करने के मामले में रोहित शर्मा के जोड़ी बनाने के लिए शिखर धवन और राहुल के बीच टक्कर होगी। राहुल पर भरोसा करने वाले कप्तान विराट कोहली ने दोनों को अंतिम 11 में मौका दिया। राहुल मुंबई में खेले गये पहले वनडे में तीसरे जबकि राजकोट में पांचवें क्रम पर बल्लेबाजी के लिए उतरे। भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर नयन मोंगिया का भी मानना है कि राहुल लंबे समय के लिए विकेटकीपर का विकल्प नहीं हो सकते।
मोंगिया ने कहा, ‘‘ वह टीम में शानदार दूसरे विकेटकीपर हो सकते हैं। वह वनडे में नियमित विकेटकीपर नहीं हो सकते हैं। टी20 अंतरराष्ट्रीय में यह चल जाएगा लेकिन वनडे में नहीं। टीम में नियमित विकेटकीपर होना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर वह नियमित तौर पर विकेटकीपिंग करेंगे तो उनकी बल्लेबाजी प्रभावित होगी। वह टीम के लिए विकेटकीपर की जगह एक बल्लेबाज के तौर पर ज्यादा अहम है।’’ राहुल को इससे पहले भी विकेटकीपर की भूमिका भी निभानी पड़ी। राहुल अंडर-19 विश्व कप में विकेटकीपिंग कर चुके हैं। वह कर्नाटक के लिये और इंडियन प्रीमियर लीग में भी यह भूमिका निभा चुके हैं। नियमित विकेटकीपर ऋषभ पंत के चोटिल होने के बाद राहुल को यह जिम्मेदारी सौंपी गयी।
राहुल ने कहा, ‘‘विकेटकीपिंग एक चुनौती है। यहां तक कि मैं कुछ अवसरों पर कुलदीप (यादव) और (रविंद्र) जडेजा की गेंदों की गति नहीं समझ पाता। मुझे अपनी प्रथम श्रेणी टीम के साथ इस तरह की गेंदबाजी का सामना नहीं करना पड़ा था। मुझे जो भी जिम्मेदारी सौंपी जा रही है मैं केवल उसका आनंद उठा रहा हूं और अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ करने का प्रयास कर रहा हूं। ’’