BCCI हर साल पटौदी लेक्चर का आयोजन करती है जिसमें क्रिकेट की दुनियां की मशहूर हस्तियां भारत के पूर्व कप्तान मंसूर अली खां पटौदी के बारे में अपनी राय रखते हैं. हर बार की तरह इस बार भी इसका आयोजन हो रहा है लेकिन जिस व्यक्ति को लेक्चर देने बुलाया गया है उससे बोर्ड के अधिकारी नाराज़ हैं. इस बार इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन को बुलाया गया है. इसके पहले सुनील गावस्कर, अनिल कुंबले, वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड और फ़ारुख़ इंजीनियर को बुलाया गया था.
इस फ़ैसले को लेकर BCCI के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने बोर्ड के क्रिकेट ऑपरेशन्स के महा प्रबंधक सबा करीम की आलोचना की है. उन्होंने लिखा कि उन्हें हैरानी हो रही है कि ये पटौदी मेमोरियल लेक्चर है या फिर सर लेन हटन या सर फ़्रैंक वॉरल लेक्चर?
लेक्चर के लिए उम्मीदवार चुनने का काम 10 मई से शुरु हुआ था. करीम में लिस्ट में चार नाम थे- केविन पीटरसन, कुमार संगाकारा, सौरव गांगुली और नासिर हुसैन. बोर्ड का कामकाज देखने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासक समिति ने सर्वसम्मति से संगाकार को चुना था लेकिन करीम को इस पर आपत्ति थी. चौधरी के अनुसार उनके और करीम के बीच 8 मई को बेंगलोर में इस मामले पर चर्चा हुई थी. चौधरी ने नारी कॉंट्रेक्टर, चंदु बोर्डे, इरापल्ली प्रसन्ना और अब्बास अली बेग के नाम सुझाए थे.
चौधरी का कहना है- "ये वो नाम हैं जो टाइगर के साथ खेल चुके हैं और अगर इनमें से कोई भी लेक्चर देने के लिए तैयार होता है तो हमें पता चलेगा कि किस तरह उन सालों की चुनौती के बाद से क्रिकेट बदला है. जहां तक मैं समझता हूं टाइगर मेमोरियल लेक्चर में भाषण देने की कला की प्रतियोगिता नहीं होती."
CoA के अध्यक्ष विनोद राय ने कहा कि चौधरी की आपत्ति "कोई मसला" नहीं है. राय ने करीम से कहा ता कि अगर संगाकारा तैयार नहीं होते तो दूसरे नाम सुझाएं. 14 मी को करीम ने अन्य लोगों को सूचित किया कि संगाकारा उपलब्ध नहीं हैं और पीटरसन लेक्चर के लिए राज़ी हो गए हैं.
Latest Cricket News